जनप्रहरियों की बैठक विधानसभा चुनाव से ज्यादा खर्चा होता है सरपंच के चुनाव में
भीलवाड़ा पंचायती राज चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी चाहिए। शिक्षित महिलाओं को आगे आना होगा। इसमें विधानसभा चुनाव से ज्यादा खर्चा होता है। धन-बल के उपयोग पर अंकुश लगना चाहिए। अच्छे व्यक्ति चुनकर आएंगे तो गांव की सरकार भी अच्छी चलेगी। गांव व पंचायत का विकास होगा। ये राय शनिवार को जिले के जनप्रहरियों की बैठक में सामने आई। बैठक में पंचायती राज चुनाव में जनप्रतिनिधि चुनने को लेकर मंत्रणा की गई। जनप्रहरियों का कहना था कि ऐसा जनप्रतिनिधि चुना जाए जो गांव की सरकार को समृद्धशील बनाए। ग्रामीणों के उत्थान पर काम करें। जनप्रहरी भी पंचायती राज चुनाव में सजग प्रहरी के रूप में चुनाव लड़ने को तैयार हुए। महिला जनप्रहरियों का कहना था कि समय आ गया जब घूंघट से बाहर निकल, खुद ग्राम विकास के काम करे। इस दौरान सांसद के निर्वाचन क्षेत्र में नए अवसरों के बारे में भी चर्चा की गई।
मुद्दे, जो उभरे
समाज सेवा के लिए जनप्रतिनिधि आगे आएं। निजी स्वार्थ से ऊपर उठे तो होगा गांव का विकास होगा। भ्रष्टाचार अहम मुद्दा है। मनरेगा में पक्के निर्माण किए जाए। हर खेत में कुआं होगा तो भूजल बढ़ेगा। महुआ में बड़ा चिकित्सालय बनाएं। गांव की सरकार तभी अच्छी होगी जब जनप्रतिनिधि सही कार्य करें। जनप्रतिनिधि का स्तर अच्छा होता, लेकिन गांव का स्तर नहीं सुधरता। चंबल का पानी हर गांव को मिले। चुनाव में 8वीं या 10वीं पास अनिवार्य करना चाहिए। गांव में बजट होता है, लेकिन विकास नहीं होता है। शहर या ग्रामीण क्षेत्र में महिला शौचालयों को निर्माण होना चाहिए। अंडरब्रिज में भरने वाले पानी की समस्या से छुटकारा मिले। सभी तरह के तारों को भूमिगत किया जाए।
सांसद से ये अपेक्षाएं
ये जनप्रहरी थे मौजूद
बैठक में जनप्रहरी के रूप में डॉ. राजा साध वैष्णव, आजाद शर्मा, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष रेखा हिरण, गोविन्दसिंह मांडलगढ़, लीला देवड़ा, कुन्दन शर्मा, पार्षद मोहिनी माली, पार्षद जगदीश गुर्जर, चन्द्रकला माली, वरूण व्यास, राहुल सुवालका, अभिषेक मंगरिंदा (तेली) व हेमन्त शाक्यवाल शामिल थे।