- तकनीकी खामी के कारण पहले राउंड की काउंसलिंग में नहीं मिला था कॉलेज को स्थान - अब 18 नवंबर से होगी दूसरी काउंसलिंग
राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा की एक बड़ी चूक सामने आई है। कॉलेज प्रशासन पोर्टल पर 22 पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) सीटें अपलोड करना ही भूल गया था। अधिकारियों ने इसे तकनीकी खामी बताते हुए मामला टालने की कोशिश की, लेकिन शिकायत के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने हस्तक्षेप करते हुए इस गलती को सुधारा और नई संशोधित सूची जारी की है। अब कॉलेज को 22 सीटें स्वीकृत की गई हैं।
तकनीकी गलती से नहीं मिला मौका
मेडिकल कॉलेज प्रशासन को एमडी और एमएस स्तर की कुल 22 सीटें (ऑल इंडिया कोटे की 10 और स्टेट कोटे की 12) पोर्टल पर अपलोड करनी थी। लेकिन तकनीकी कारणों के चलते सीटें पोर्टल पर नहीं चढ़ाई जा सकीं। परिणामस्वरूप पहले चरण की काउंसलिंग में भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज का नाम सूची से गायब रहा। नीट परीक्षा के नोडल प्रभारी डॉ. विपुल चौधरी ने बताया कि इस त्रुटि की जानकारी तत्काल एनएमसी दिल्ली को भेज दी थी। अब एनएमसी ने गलती सुधारते हुए नई सीट मैट्रिक्स सूची जारी की है, जिसमें भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को 22 सीटें आवंटित की गई हैं।
18 नवंबर से होगी दूसरी काउंसलिंग
नई सूची के अनुसार अब मेडिकल कॉलेज में दूसरे चरण की काउंसलिंग 18 नवंबर से शुरू होगी। उम्मीद है कि अब योग्य छात्रों को प्रवेश के अवसर मिल पाएंगे। पहले चरण में जिन छात्रों को भीलवाड़ा कॉलेज में स्थान मिलना चाहिए था, वे इस त्रुटि के कारण अवसर से वंचित रह गए थे। मेडिकल शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की तकनीकी भूलें न केवल संस्थान की छवि को प्रभावित करती बल्कि योग्य छात्रों के भविष्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
पांच विषयों में स्वीकृत हुई 22 सीटें
एनएमसी की ओर से जारी अद्यतन सूची में भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को कुल पांच विषयों में 22 सीटें दी हैं। इनमें सर्जरी 5 सीटें, एनेस्थीसिया 4, माइक्रोबायोलॉजी 4, फिजियोलॉजी 4 तथा मेडिसिन की 5 सीटें शामिल है। इन सभी सीटों पर जूनियर रेजिडेंट स्तर पर एमडी और एमएस कोर्स संचालित किए जाएंगे।
शिकायत के बाद हरकत में आई सरकार
मामला तब सामने आया जब भीलवाड़ा के एक चिकित्सक ने एनएमसी पोर्टल पर कॉलेज का नाम न होने की शिकायत मुख्य सचिव सुधांश पंत, कलक्टर जसमीत संधु सहित एनएमसी दिल्ली को की। शिकायत के बाद राज्य सरकार ने संज्ञान लेते हुए एनएमसी अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद सीटें बहाल की गईं। शिकायतकर्ता डॉक्टर का कहना था कि कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण सर्जरी, माइक्रोबायोलॉजी, फैमिली मेडिसिन और फिजियोलॉजी जैसे विषयों की स्वीकृत पीजी सीटें अपलोड नहीं की गईं, जिससे छात्रों को प्रवेश से वंचित होना पड़ा।
देशभर में 50 सीटें कम, लेकिन भीलवाड़ा को राहत
एनएमसी ने इस बार शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए देशभर में कुल 50 पीजी सीटें घटा दी हैं। इसके बावजूद भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को राहत देते हुए 22 सीटें शामिल की गई हैं। नया अपडेटेड सीट मैट्रिक्स एनएमसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है।