Bhilwara Monsoon Rain: विदाई की दहलीज पर खड़े मानसून की मेहर ने इस बार बल्ले-बल्ले कर दी। खुशियां के साथ आफत भी लाई। भीलवाड़ा जिले के ताल-तलैया में भरपूर पानी आया है। इस साल अब तक मानसून में औसत से 39 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जो पिछले साल से चार प्रतिशत अधिक है।
Bhilwara Monsoon Rain: टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा के लिए जल्द ही खुशखबर आ सकती है। हमारी उम्मीद मेजा बांध इस बार छलकने को आतुर है। जिले के सबसे बड़े मेजा बांध का गेज सोमवार रात 27 फीट पार हो चुका है।
बांध की भराव क्षमता 30 फीट है। नौ साल बाद हमारी खुशियों को पंख लगे हैं। इस बार बांध की गुल्ल्क में भरपूर पानी की आवक हुई है। लड़की बांध ने इस बार जमकर मेहरबानी दिखाई। लड़की बांध पर चार इंच की चादर चलने से इसका पानी मेजा पहुंच रहा है। बांध में लगातार पानी की आवक हो रही है। साल भर पर्याप्त पेयजल और सिंचाई का बंदोबस्त हो गया है।
इस बार राजसमंद जिले में भी मानसून की जमकर मेहरबानी रही है। इसके चलते नंदसमंद बांध में भरपूर पानी आया। नंदसमंद बांध पर चादर चल रही है। इसका पानी लड़की बांध पहुंच रहा है। इसके चलते लड़की बांध पर चादर चलने से लगातार पानी मेजा बांध पहुंच रहा है।
लड़की बांध से मेजा बांध के बीच सवा सौ एनीकट हैं। ये एनीकट लबालब हो चुके हैं। इसके चलते राह में एनीकट रोडा नहीं बन रहे हैं। इसके अलावा मातृकुंडिया बांध से मेजा फीडर खोलने से भी इसका पानी मेजा बांध पहुंचा है।
पानी की अच्छी आवक के बाद मेजा बांध गुलजार हो गया है। बांध को निहारने और पिकनिक मनाने लोग परिवार और दोस्तों के साथ पहुंच रहे हैं। हालांकि, अनदेखी से बांध दुर्दशा का शिकार हो रहा। जल संसाधन विभाग और प्रशासन ने अब तक यहां ध्यान नहीं दिया है। इससे पार्क उजड़ गया तो बच्चों के लिए झूले-चकरी टूटे हुए हैं। घास बड़ी हो गई है। पेयजल के इंतजाम नहीं हैं।
सितंबर महीने की औसत बारिश का कोटा एक सप्ताह में ही पूरा हो गया। इस समय बनास, कोठारी और खारी नदी उफान पर चल रही हैं। खुशी की बात है क इस बार पेयजल के साथ सिंचाई के लिए भरपूर पानी आया है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, जिले में 601 मिलीमीटर बरसात का औसत है। इसके मुकाबले अब तक 837 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जिले में 139 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। जिले में सबसे ज्यादा बारिश बिजौलियां में 1600 मिलीमीटर है। जबकि कोटड़ी 1173, मांडलगढ़ 1149, जहाजपुर 1125, काछोला 1087, कारोही 1052, शाहपुरा 1033 तथा भीलवाड़ा में 1022 मिलीमीटर बरसात हुई है। सबसे कम बागोर और मोखुंदा में हुई है। सितंबर में बारिश का औसत 89.84 मिलीमीटर है। जबकि अब तक 112 मिलीमीटर बारिश हो चुकी। अच्छी बारिश से उमीद है कि इस बार सर्दी भी जल्दी तेवर दिखाना शुरू करेगी।
मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है। शहर में सोमवार को बादलों और सूर्यदेव के बीच लुकाछिपी का खेल चला। दोपहर में घटाएं भी छाई, लेकिन बिन बरसे लौट गईं। शहर में अधिकतम तापमान 30.1 डिग्री व न्यूनतम 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक दिन में दोपहर में करीब दो डिग्री तापमापी का पारा चढ़ा है।
नौ साल पहले वर्ष-2016 में मेजा बांध छलका था। उस समय 30 फीट बांध में पानी की आवक के साथ छलक गया था। शहरवासियों और किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। गत साल बांध भराव क्षमता के करीब 26.30 फीट पहुंचा,लेकिन नहीं छलकने से लोग निराश हुए।
-साल 2016 में 30 गेज फीट।
-साल 2017 में 18.70 गेज फीट।
-साल 2018 में 5.50 गेज फीट।
-साल 2019 में 17.60 गेज फीट।
-साल 2020 में 9.70 गेज फीट।
-साल 2021 में 4.00 गेज फीट।
-साल 2022 में 10.60 गेज फीट।
-साल 2023 में 16.15 गेज फीट।
-साल 2024 में 26.30 गेज फीट।
-साल 2025 में 27 गेज फीट।