भीलवाड़ा में पहले लगी मशीन हुई बंद भीलवाड़ा बनता है प्लास्टिक की बोतलों से धागा
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड ने प्रदेश में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से एक नई पहल की है। विभाग की ओर से प्रदेश के 50 प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग मशीनें लगाई जाएंगी। इसका उद्देश्य प्लास्टिक की बोतलों के पुन: उपयोग को नियंत्रित करना और प्रदूषण को कम करना है। इन मशीनों को रोडवेज बस स्टैंड, पार्क और अन्य प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा। इसका संचालन इस प्रकार होगा कि लोग उपयोग के बाद प्लास्टिक की बोतलों को सीधे मशीन में डाल सकेंगे। मशीन उस बोतल को हाथों-हाथ नष्ट कर उसे रीसाइक्लिंग प्रक्रिया में भेज देगी। इससे न केवल प्लास्टिक कचरे में कमी आएगी, बल्कि उन बोतलों के दुरुपयोग पर भी रोक लगेगी, जिन्हें धोकर रिफिल कर दिया जाता है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर उद्घाटन
आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि मशीनों का उद्घाटन आगामी विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून के अवसर पर होगा। जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनसामान्य को जागरूक करने का महत्वपूर्ण दिन है। इस अवसर पर पूरे प्रदेश में एक साथ इन मशीनों का लोकार्पण होगा ताकि अधिकतम लोगों तक इसका संदेश पहुंचे। भीलवाड़ा को मशीन नहीं मिली है, लेकिन यह पर्यटन स्थलों को महत्व दिया है।
मशीन गायब किसी को नहीं पता
शहर के रोडवेज बस स्टैंड पर पांच साल पूर्व मशीन लगाई थी, लेकिन वह कुछ समय चलने के बाद गायब हो गई। मशीन कहां है किसी अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं। भीलवाड़ा में प्लास्टिक की बोतलों से फाइबर बनाने का काम हो रहा है। इससे धागा बनाने का उद्योग नानकपुरा में लगा है। कंचन की ओर से लगाए इस तरह के प्लांट में प्रदेश से प्लास्टिक की बोतलों को यहां काम में लिया जा रहा है।
प्लास्टिक मुक्त की ओर कदम
यह कदम प्रदेश को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यदि आमजन इस पहल में सहयोग करें, तो यह योजना न केवल सफल होगी, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन सकती है।