एक प्रसूता से छेड़छाड़ मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायालय (महिला उत्पीड़न) ने संविदा सफाईकर्मी को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए जुर्माना राशि से दंडित किया। मामला साल 2018 का है।
भीलवाड़ा: अतिरिक्त सेशन न्यायालय (महिला उत्पीड़न मामलात) ने जिले के एक राजकीय चिकित्सालय में प्रसूता के साथ सात साल पहले हुई छेड़छाड़ के मामले में आरोपी संविदा सफाई कर्मचारी को सात साल की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, जिले की एक महिला ने पुलिस थाने में 6 जुलाई 2018 को रिपोर्ट दी थी। उसमें बताया कि पीहर पक्ष ने उसे एक राजकीय चिकित्सालय में प्रसव के लिए भर्ती कराया था, उसने एक पुत्री को जन्म दिया।
यहां उपचार के दौरान सुबह एक व्यक्ति आया और कपड़ों को साफ सुधरा कर दवा लगाने की बात कही। उसके मना करने पर उसने जबरदस्ती करने की कोशिश की, इस दौरान छेड़छाड़ भी की। उसके चिल्लाने पर वह भाग निकला, लेकिन लोगों ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस ने संविदा सफाईकर्मी आरोपी देवनारायण उर्फ सांवरा को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी के खिलाफ बाद में न्यायालय में चालान पेश हुआ। अतिरिक्त सेशन न्यायालय महिला उत्पीड़न मामलात में ट्रायल के दौरान विशिष्ट लोक अभियोजक अदिति सेठिया ने 14 गवाह और 21 दस्तावेज पेश किए। न्यायालय ने आरोपी को दोषी माने हुए सात साल की सजा सुनाई और बीस हजार जुर्माना राशि से दंडित किया।