दोनों पर पद के दुरुपयोग व अनियमितता के आरोप
पंचायत समिति जहाजपुर की बेई व पंडेर ग्रांम पचायत की सरपंच व वर्तमान में प्रशासक पद पर कार्यरत दोनो महिलाओं को पद मुक्त कर दिया है। इन दोनों पर पद का दुरुपयोग व अनियमितता के आरोप हैं। यह आरोप जांच में सही पाए जाने पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उपसचिव (जांच) इंद्रजीत सिंह ने पद मुक्त किया है।
सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत बेई की सरपंच व प्रशासक फोरी देवी मीणा के विरंद्ध पद का दुरूपयोग कर ग्राम पंचायत बेई में अनियमितता की शिकायत मिली थी। प्रकरण की जांच रिपोर्ट में सरपंच को अनियमित भुगतान करना, योजना मद में अनुमत श्रेणी के विरुद्ध कार्य स्वीकृत करना, बिना आवास निर्माण के भुगतान करना, औचित्यहीन नाला निर्माण कार्य व स्वीकृत सीमा से अधिक नगद भुगतान कर अनियमितता किया जाने का दोषी माना गया है। इसके चलते सरकार ने सरपंच को निलम्बित करने के साथ प्रशासक के पद से मुक्त कर दिया है। फोरीदेवी को जिला कलक्टर के आदेश पर 24 जनवरी को ही प्रशासक नियुक्त किया था।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत पंडेर की सरपंच व वर्तमान प्रशासक ममता जाट को भी पद मुक्त कर दिया है। जाट पर पद का दुरुपयोग कर अनियमितता करने संबंधी शिकायत मिली थी। जांच में सरपंच के विरुद्ध सामुदायिक भवन एवं चार दीवारी के उद्घाटन के लिए सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं करना। शिला पट्ट पर नाम अंकित नहीं कर राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना करना, पंडेर में जवाहर नगर बस्ती में रोड लाईट के लिए मौके पर कम सामग्री लगाकर अधिक भुगतान करना, पट्टा पत्रावलियों में नियमों की अनदेखी एवं आवश्यक दस्तावेज की पूर्ति किए बिना पट्टे जारी करना एवं सरपंच कार्यग्रहण के पूर्व दिनांक में पट्टा पत्रावलियों में हस्ताक्षर करना आदि अनियमितताएं करने संबंधी आरोप प्रमाणित पाए गए। इसके चलते जाट को प्रशासक के पद से मुक्त कर दिया है।