- नई शिक्षा नीति के तहत सत्र को अप्रेल में शुरू करने की तैयारी - 25 मार्च तक सभी परीक्षाएं पूरी करने और 31 मार्च तक परिणाम जारी करने का लक्ष्य
राज्य में नई शिक्षा नीति के तहत अब शैक्षणिक सत्र 1 अप्रेल से शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है और विभिन्न शिक्षक संगठनों से हुई बैठक में बनी सहमति की पालना के निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग का लक्ष्य है कि वर्तमान सत्र (2025-26) की सभी वार्षिक परीक्षाएं 25 मार्च तक पूरी कर 31 मार्च तक परिणाम घोषित कर दिए जाएं, ताकि नया सत्र 1 अप्रेल से शुरू किया जा सके।
अर्द्धवार्षिक परीक्षा अब 20 नवंबर से
शिक्षा विभाग ने दिसंबर में प्रस्तावित अर्द्धवार्षिक परीक्षा को अब 20 नवंबर से कराने का निर्णय लिया है। विभाग का कहना है कि बदलाव आगामी सत्र की समयबद्धता को ध्यान में रखकर किया गया है। इस बार भी 9वीं से 12वीं कक्षा तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा राज्य स्तरीय समान परीक्षा योजना के तहत ही आयोजित होगी।विभाग ने प्रश्न पत्रों के प्रकाशन की तैयारी शुरू कर दी है। अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी के बीच निजी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या अभी तक पीएसपी पोर्टल पर अपडेट नहीं की है। इसी को देखते हुए डीईओ (पीएसपी) माध्यमिक शिक्षा ने सभी जिला और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे 7 दिन के भीतर निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की संख्या पोर्टल के संबंधित मॉड्यूल में अपडेट करें।
बोर्ड परीक्षाओं का समय तय
शिक्षा विभाग ने इस बार 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं 12 फरवरी से 11 मार्च तक कराने का निर्णय लिया है। जबकि प्रायोगिक परीक्षाएं 15 जनवरी से शुरू होंगी। विभाग का लक्ष्य है कि 10वीं और 12वीं दोनों के परिणाम 30 अप्रेल तक घोषित कर दिए जाएं। 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी करने को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस साल पांचवीं बोर्ड परीक्षा 16 से 24 मार्च और आठवीं बोर्ड परीक्षा 10 से 20 मार्च तक आयोजित की जाएगी। पिछले वर्ष पांचवीं की परीक्षा 7 से 15 अप्रेल तथा आठवीं की परीक्षा 20 मार्च से 2 अप्रेल तक हुई थी। नया सत्र 1 अप्रेल से शुरू करवाने की योजना के तहत इस बार इन परीक्षाओं को पहले कराया जा रहा है।
पाठ्यक्रम में हो सकती है कटौती
मार्च में वार्षिक परीक्षाएं कराने के चलते विभाग पाठ्यक्रम में आंशिक कटौती पर भी विचार कर रहा है। हालांकि, यह निर्णय अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद लिया जाएगा। विभाग के अनुसार 10वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में कोई कटौती नहीं होगी, क्योंकि उनकी अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं पूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं।