सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात 11 बजे से लेकर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सिंतबर रविवार की रात को लगने वाला है। इस दिन सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध भी होगा। भारतीय समयानुसार, यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात 11 बजे से लेकर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है। सूर्य ग्रहण न तो भारत में दिखाई देगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा। फिर भी ज्योतिषविदों ने लोगों को संभलकर रहने की सलाह दी है। इसी महीने 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण भी लगा था, जो कि भारत में दृश्यमान था।
मेष राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव
रविवार को लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि में घटित होगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा। पंडित अशोक व्यास के अनुसार सूर्य ग्रहण मेष राशि वालों के लिए लाभदायक है। इस राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आय के नए अवसर मिलेंगे और जीवन में खुशियां आएंगी। पंडित व्यास ने सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियों बरतने की सलाह है। इस दौरान मंत्र जाप और ध्यान करने से ग्रहण के दोष कम होते हैं। ग्रहण के दौरान कुंडली के अशुभ योगों को भी समाप्त किया जा सकता है। ग्रहण काल में आप 'ऊँ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य: श्रीं' मंत्र का जाप कर सकते हैं।
नवरात्र की शुरूआत
इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण रविवार की रात लगने वाला है। इसके अगले दिन शारदीय नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है।यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसी कारण इसका नवरात्र पर्व और घटस्थापना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
सौ साल में मिला ऐसा विशेष संयोग
सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या पर लग रहा है। व्यास के अनुसार इसका श्राद्धकर्म पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। साथ ही, श्राद्धकर्म दोपहर के समय संपन्न हो जाता है, जबकि यह ग्रहण रात में लग रहा है। सूर्यग्रहण ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों के साथ-साथ केवल न्यूज़ीलैंड और फिजी में ही दिखाई देगा। यह 100 साल में पहली बार यह संयोग देखने को मिला है कि श्राद्ध पक्ष व नवरात्र के बीच यह ग्रहण लग रहा है।