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टेक्सटाइल पार्क पर संकट के बादल, पार्क नहीं मिला तो नीमच माइग्रेट हो सकते हैं उद्योग

- भीलवाड़ा के रूपाहेली में 214 हेक्टेयर जमीन को पीएम मित्रा पार्क के लिए आरक्षित रखने की मांग - ईसी के अभाव में अटके 221 करोड़ के काम, रीको की नीलामी नीति पर चिंता

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Textile park faces uncertainty; industries may migrate to Neemuch if the park is not established.

Textile park faces uncertainty; industries may migrate to Neemuch if the park is not established.

टेक्सटाइल सिटी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा के औद्योगिक भविष्य को लेकर बड़ा गतिरोध सामने आया है। रूपाहेली क्षेत्र में प्रस्तावित 214 हेक्टेयर भूमि पर टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की राह में पर्यावरण स्वीकृति (ईसी) नहीं मिलना बड़ी बाधा बन गया है। इस भूमि पर रीको की ओर से प्लॉट आवंटन या नीलामी प्रस्तावित है। इसका मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने विरोध करते हुए इसे पीएम मित्रा या राज्य स्तरीय टेक्सटाइल पार्क के लिए आरक्षित रखने की मांग की है।

टेक्सटाइल पार्क की आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए सरकार ने 221 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति तो जारी कर दी है, लेकिन ईसी के अभाव में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में दो बार उदयपुर में सुनवाई भी हो चुकी है। उद्यमियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में कहा कि यदि रीको ने वर्तमान नीति के तहत इस भूमि पर भूखंडों की बिक्री शुरू कर दी, तो भविष्य में पार्क स्थापित नहीं होगा, क्योंकि यह भूमि आवश्यक सभी मापदंडों को पूरा करती है और अन्यत्र भूमि उपलब्ध नहीं है।

रियायतों का अभाव बना पलायन का डर

चैम्बर ने कहा कि भूखंड की बिक्री से टेक्सटाइल पार्क का विकास नहीं हो सकता। उद्यमियों को कम लागत पर आधारभूत सुविधाएं, रियायती दरों पर भूमि आवंटन, विद्युत अनुदान, कॉमन ईटीपी प्लॉट और लॉजिस्टिक सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो पार्क के तहत ही संभव हैं।

मध्य प्रदेश में मिल रहे प्रोत्साहन

भीलवाड़ा से 100 किमी दूर नीमच में सरकार टेक्सटाइल उद्योगों को आकर्षित करने के लिए रियायतें दे रही है। इनमें 40-50 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी (पांच वर्ष में), 5-6 प्रतिशत ब्याज अनुदान, 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली, सस्ती दर पर ज़मीन और पानी की प्रचुरता है। पिछले 2-3 वर्षों में कई उद्यमी नीमच पलायन कर चुके हैं। यदि रूपाहेली की भूमि को पीएम मित्रा के अनुरूप प्रोत्साहन और सब्सिडी नहीं मिली, तो उद्यमी नीमच माइग्रेट हो सकते हैं।

पीएम मित्रा के लिए प्रस्ताव भेजने की मांग

चैम्बर के महासचिव आरके जैन ने राज्य सरकार से मांग की है कि भीलवाड़ा की पात्रता और इस भूमि के सभी मापदंडों को देखते हुए केंद्र सरकार को इस भूमि पर पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना का प्रस्ताव भिजवाया जाए। टेक्सटाइल उद्योग सबसे ज़्यादारोज़गार सृजन करने वाला क्षेत्र है। सांसद दामोदर अग्रवाल व विधायक अशोक कोठारी भी मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से मिलकर पीएम मित्रा पार्क की घोषणा की मांग कर चुके हैं।