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शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला: पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा में राहत!

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा को बढ़ावा राज्य में बालवाटिकाओं का विस्तार नहीं होने से इस सत्र में छूट

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Age limit relaxed for admission to first grade.

Age limit relaxed for admission to first grade.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, राजस्थान ने शैक्षिक सत्र 2026-27 में कक्षा 1 (एन्ट्री कक्षा) में प्रवेश के लिए आयु निर्धारण नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा 1 में प्रवेश नहीें देने का प्रावधान है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इस नियम में 31 जुलाई 2026 तक छूट प्रदान की गई है।

क्या है नया निर्देश

आदेश के अनुसार मूल नियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की न्यूनतम आयु 6 वर्ष होनी चाहिए। 5 वर्ष की आयु के बच्चों को बालवाटिका में शामिल करने का निर्देश हैं।

सत्र 2026-27 के लिए छूट

निदेशक ने बताया कि पिछले वर्ष से ही यह आयु सीमा लागू की गई है, लेकिन प्रदेश में अभी भी कई स्थानों पर बालवाटिकाएं निर्माणाधीन हैं। इसलिए 6 वर्ष की समय सीमा में शिथिलता प्रदान की गई है। ऐसे बच्चे जो 3 वर्ष की पूर्व-प्राथमिक शिक्षा पूरी कर चुके हैं, उन्हें कक्षा 1 में शामिल करने के लिए आयु सीमा में 31 जुलाई, 2026 तक छूट दी जाती है। ऐसे में अभिभावकों व विद्यालयों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बड़ा निर्णय किया है।

अभिभावकों को राहत

यह छूट उन अभिभावकों के लिए विशेष रूप से राहत भरी है जिनके बच्चे पहले ही प्री-प्राइमरी कक्षाओं में 3 वर्ष पूरे कर चुके हैं लेकिन 6 वर्ष की आयु पूरी करने में कुछ महीने कम हैं। शिक्षा विभाग का यह निर्णय जमीनी हकीकत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में आ रही व्यावहारिक चुनौतियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। जाट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि यह छूट केवल बालवाटिकाओं की अपूर्ण स्थापना के कारण दी जा रही है, ताकि बच्चों की शिक्षा में कोई रुकावट न आए।

अगले सत्रों में आयु निर्धारण सख्ती से

यह छूट केवल एक अंतरिम व्यवस्था है। राज्य में सभी बालवाटिकाओं के पूर्ण रूप से स्थापित होते ही आयु निर्धारण सख्ती से लागू किया जाएगा।