MP News: भिण्ड में 3500 से ज्यादा शिक्षक बीएलओ ड्यूटी में लगे हैं। स्कूल बंद है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित। शिक्षक चाहते हैं अलग कर्मचारियों की नियुक्ति, ताकि शिक्षा व्यवस्था सुरक्षित रहे।
School Closed:भिण्ड जिले की शिक्षा व्यवस्था इन दिनों निर्वाचन कार्य की भेंट चढ़ रही है। सरकारी स्कूलों के 3500 से अधिक शिक्षकों को बीएलओ (Teachers BLO Duty) की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। हालात यह हैं कि कई विद्यालयों में एक-एक शिक्षक ही पदस्थ हैं, और वे भी बीएलओ की ड्यूटी में व्यस्त रहने के कारण स्कूलों में ताले लग रहे हैं। (MP News)
शिक्षकों का कहना है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण (electoral rolls SIR) जैसे कार्यों से उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी पढ़ाना सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाना चाहिए, सिवाय चुनाव और जनगणना जैसी राष्ट्रीय जिम्मेदारियों के। लेकिन बीएलओ की जिम्मेदारी न तो अस्थायी है और न ही सहज, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। (MP News)
बीएलओ के रूप में शिक्षकों को घर-घर जाकर सर्वेक्षण, मतदाता सूची तैयार करना, नए मतदाता जोड़ना-हटाना, आधार लिंक करना और बैठकों में शामिल होना पड़ता है। जिले के 2000 बूथ केंद्रों पर आठ दिन से शिक्षक ड्यूटी निभा रहे हैं। इन कार्यों के चलते वे स्कूल समय पर अनुपस्थित रहते हैं। शिक्षकों का तर्क है कि लंबे समय से बीएलओ के लिए अलग कर्मचारियों की मांग की जा रही है, लेकिन शासन ने अब तक सुनवाई नहीं की। (MP News)
निर्वाचन का वर्षभर चलने वाला कार्य है, जो अलग-अलग पखवाड़ों में संचालित होता है। सरकार को चाहिए कि इसके लिए अलग से कर्मचारी नियुक्त करे, जिससे शिक्षा व्यवस्था न बिगड़े। - संतोष लहारिया, प्रांताध्यक्ष आजाद अध्यापक संघ भिण्ड
मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी पर लगाया गया है, जिससे विद्यालयों में समस्या आई है। यह कार्य चार-पांच दिन में पूर्ण हो जाएगा, इसके बाद शिक्षक अपने कार्यक्षेत्र में रहेंगे।- आरडी मित्तल, डीईओ, भिण्ड
सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज कराने के बाद जब शिक्षक बीएलओ कार्य के लिए गांव-गांव घूमते हैं, तो एप पर उनकी लोकेशन बदल जाती है। मूल्यांकन के समय इस आधार पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाता है। शिक्षक इसे अनुचित दबाव बताते हैं। (MP News)