भिण्ड. शहर के बहुप्रतीक्षित रेलवे फाटक नंबर-50 ओवरब्रिज (आरओबी) निर्माण में शनिवार को अहम प्रगति हुई। निर्माणाधीन आरओबी पर स्टील के पांच भारी गर्डर सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए। इस दौरान करीब सात घंटे तक भिण्ड-अटेर मार्ग पूरी तरह बंद रहा। गर्डर लॉन्चिंग के लिए 550 मीटर क्षमता वाली क्रेन और आधुनिक मशीनों का उपयोग किया […]
भिण्ड. शहर के बहुप्रतीक्षित रेलवे फाटक नंबर-50 ओवरब्रिज (आरओबी) निर्माण में शनिवार को अहम प्रगति हुई। निर्माणाधीन आरओबी पर स्टील के पांच भारी गर्डर सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए। इस दौरान करीब सात घंटे तक भिण्ड-अटेर मार्ग पूरी तरह बंद रहा। गर्डर लॉन्चिंग के लिए 550 मीटर क्षमता वाली क्रेन और आधुनिक मशीनों का उपयोग किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर ट्रैफिक पुलिस, जिला पुलिस प्रशासन और रेलवे के करीब 80 जवान मौके पर तैनात रहे।
शनिवार सुबह करीब 10 बजे अटेर रोड स्थित रेलवे फाटक-50 पर गर्डर चढ़ाने का कार्य शुरू किया गया, जो शाम करीब पांच बजे तक चला। गर्डर लॉन्चिंग पूरी होने के बाद रेलवे लाइन और सड़क मार्ग को सुचारू रूप से खोल दिया गया।
रेलवे प्रशासन ने पहले ही गर्डर लॉन्चिंग को लेकर मार्ग बंद रहने की सूचना जारी कर दी थी, लेकिन इसके बावजूद दूर-दराज से आने वाले कई यात्री और वाहन चालक रेलवे क्रॉसिंग तक पहुंच गए। फाटक बंद होने पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई और यात्रियों को पैदल ही रेलवे लाइन के किनारे से पार कराया गया। यात्री चंदनपुरा और मुड़ियाखेड़ा तक पैदल पहुंचे, जहां से उन्हें ई-रिक्शा के माध्यम से आगे रवाना किया गया।
इस दौरान भिण्ड, अटेर, मुरैना, गोरमी, पोरसा, अंबाह और ग्वालियर की ओर जाने वाले कई वाहन चालकों को लौटना पड़ा। यातायात पुलिस और सुरक्षाकर्मी पूरे समय मुस्तैद रहे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
गर्डर लॉन्चिंग के चलते न केवल सड़क यातायात बल्कि रेलवे सेवा भी अस्थायी रूप से प्रभावित रही। रेलवे की ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था। आसपास के इलाकों में बिजली आपूर्ति भी कुछ समय के लिए बाधित रही। गर्डर लॉन्च होने के बाद एक ट्रेन को नियंत्रित गति से गुजारा गया और यह परीक्षण किया गया कि गर्डर और ट्रेन के बीच आवश्यक दूरी (गेप) पर्याप्त है या नहीं। परीक्षण सफल रहने के बाद रेल यातायात सामान्य किया गया।
रेलवे फाटक-50 पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज को अगस्त 2026 तक शुरू करने का दावा किया जा रहा है। स्टील गर्डर लॉन्चिंग के बाद अब अन्य पिलरों पर कंक्रीट प्लेटफॉर्म रखने का कार्य किया जाएगा। इसके बाद मिट्टी भराव कर एप्रोच रोड तैयार की जाएगी। आगामी चरणों के दौरान भी आवश्यकता पड़ने पर भिण्ड-अटेर मार्ग को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है, जिसके लिए प्रशासन अलग से आदेश जारी करेगा।
“स्टील के गर्डर लॉन्च कर दिए गए हैं। शीघ्र ही अन्य पिलरों पर कंक्रीट का प्लेटफॉर्म चढ़ाया जाएगा। कार्य प्रगति पर है और भविष्य में लोगों को जाम से राहत मिलेगी।”
— मनोज कुमार, पीआरओ, रेलवे झांसी