OBC- मध्यप्रदेश में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इसके लिए ओबीसी महासभा अब ओबीसी अधिकार यात्रा निकाल रही जिसकी शुरुआत कल यानि 20 जुलाई से भिंड में होगी।
OBC- मध्यप्रदेश में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इसके लिए ओबीसी महासभा अब ओबीसी अधिकार यात्रा निकाल रही जिसकी शुरुआत कल यानि 20 जुलाई से भिंड में होगी। भिंड से लहार की ओर निकलनेवाली इस यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अधिकारों की मांग को लेकर ओबीसी महासभा भिंड कलेक्टर कार्यालय पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे। यहां से यात्रा लहार के लिए रवाना होगी। खास बात यह है कि ओबीसी महासभा मध्यप्रदेश विधानसभा में ओबीसी के लिए 125 सीटें आरक्षित करने की कवायद में भी जुटी है। अन्य अनेक मांगों के अलावा ओबीसी अधिकार यात्रा में यह मांग भी प्रमुखता से उठाई जाएगी।
ओबीसी अधिकार यात्रा के लिए ओबीसी महासभा ने कलेक्टर को पत्र भी दिया है। ओबीसी महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामरतन यादव दाऊ के अनुसार यात्रा के दौरान ओबीसी समुदाय के हितों के लिए आवाज उठाई जाएगी।
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ओबीसी महासभा ने उनकी मुख्य मांगों के संबंध में बताया। महासभा का कहना है कि आगामी जनगणना में ओबीसी जनगणना कराई जाए, एमपी में शेष 13 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण बहाल कर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां प्रदान की जाएं। महासभा ने विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका, निजी क्षेत्रों एवं पदोन्नति में संख्या के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने की भी मांग की है।
ओबीसी के लिए 52 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, ओबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने, सरकारी विभागों में ओबीसी के रिक्त पदों (बैकलॉग) को अतिशीघ्र भरने की मांग की है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण में ओबीसी को शामिल करने, जिला एवं तहसील स्तर पर ओबीसी के विद्यार्थियों के लिए सर्वसुविधायुक्त छात्रावास की व्यवस्था करने की मांग भी शामिल है।
इतना ही नहीं, ओबीसी अधिकार यात्रा के दौरान ओबीसी महासभा ने प्रमुख मांग के तौर पर विधानसभा में आरक्षण की बात प्रमुखता से उठाने की बात कही है। मध्यप्रदेश में संख्या के अनुपात में पिछड़े वर्ग के लिए प्रदेश विधानसभा में 125 सीटें आरक्षित करने की मांग करते हुए अधिकार यात्रा में इसके लिए समर्थन जुटाया जाएगा।
महासभा ने कॉलेजियम सिस्टम समाप्त कर सर्वोच्च/उच्च न्यायालय में जजों की भर्ती के लिए भारतीय न्यायिक सेवा का गठन करने, किसान कल्याण के गठित स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं एवं एमएसपी कानून को लागू करने, ओबीसी वर्ग में जबरन जोड़े गए ट्रांसजेंडर समुदाय (किन्नर) को हटाने की मांग भी की। ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए वार्षिक आय सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 12 लाख करने की भी मांग की जा रही है।