भोपाल

PPP model पर 350 नए school, किंडर गार्डन की बजाय अरूण उदय कक्षाएं

- संस्कृत बेस एजुकेशन देने वाले स्कूलों की देश की पहली चेन - भारतीय संस्कृति के बीच शिक्षा देने की पहल - पांचवीं तक चार विदेशी और चार भारतीय भाषाओं जानकार बनाने का दावा

2 min read
Apr 23, 2025
- संस्कृत बेस एजुकेशन देने वाले स्कूलों की देश की पहली चेन - भारतीय संस्कृति के बीच शिक्षा देने की पहल - पांचवीं तक चार विदेशी और चार भारतीय भाषाओं जानकार बनाने का दावा

भोपाल। PPP model पर प्रदेश में 350 नए school खुलने जा रहे हैं। ये संस्कृत बेस एजुकेशन देने वाले स्कूलों की प्रदेश में पहली चेन होगी। जिनमें किंडर गार्डन की बजाय कक्षाओं के नाम होंगे अरूण और उदय। यहां संस्कृत माध्यम से भारतीय संस्कृति के माहौल में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। राज्य ओपन बोर्ड और महर्षि पतंजलि संस्थान ने इसकी पहल की है।
इन स्कूलों में दो कक्षाएं होगी। पाश्वात्य संस्कृति के आधार पर शिक्षा के मुकाबले इन्हें उतारा जा रहा है। तैयार हुई रूपरेखा के तहत अंग्रेजी या हिंदी माध्यम की बजाय संस्कृत माध्यम से यहां बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इनमें एडमिशन की उम्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर रहेगी।

एजेंसी कराएगी पढ़ाई, राज्य ओपन से वेल्यूएशन, संस्कृत बोर्ड से मान्यता

पीपीपी मॉडल पर एजेंसी का चयन हो गया। शिक्षण संस्थानों की चेन के रूप में यह काम करेगी। राज्य ओपन इनका वेल्यूएशन करेगा जबकि महर्षि पतंजलि संस्थान मान्यता देगा।

सरोजनी नायडू स्कूल में दो साल से पायलेट प्रोजेक्ट पर संचालन
राजधानी के सरोजनी नायडू स्कूल में पायलेट प्रोजेक्ट पर अरूण, उदय कक्षाओं का संचालन हो रहा है। ये डे बोर्डिंग हैं। स्कूल में दीवारों पर भित्ति चित्र, गाय, पक्षी के चित्र हैं। एक मछलीघर और एक छोटा जंगल शामिल है। स्कूल में उन बच्चों को प्रवेश दिया जाता है जिनके माता पिता दोनों कामकाजी है। प्रवेश उनका दो दिनों का वेतन है। नए स्कूलों के नियम अलग होंगे।

पांचवीं कक्षा तक बच्चे होंगे 4 देशी और 4 भारतीय भाषाओं के जानकार

अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों को एक से अधिक भाषाओं के जानकार बनाने का प्रावधान है। इसके लिए संस्कृत को आधार बनाया गया। ऐसी योजना है जिसमें कक्षा पांचवीं तक तक बच्चा चार विदेशी और चार भारतीय भाषाओं का जानकार बन जाए।


संस्कृत जानने वाला दुनिया की किसी भी भाषा को आसानी से सीख सकता है। इसी के आधार पर इन्हें शुरू किया जाएगा। एजेंसी तय की जा रही है। इन कक्षाओं को पास करने के बाद बच्चों को सम्बद्ध स्कूल में एडमिशन होगा। एजेंसी इनकी फेन्चाइसी दे सकती है। पांचवी तक बच्चों को चार देशी और चार विदेशी भाषाओं के जानकार बनाने की कोशिश रहेगी।

पीआर तिवारी, संचालक राज्य ओपन स्कूल

Published on:
23 Apr 2025 01:44 pm
Also Read
View All

अगली खबर