Kharif plan for farmers: एमपी में मानसून (Monsoon) समय पर पहुंचा और किसानों ने बोवनी शुरू भी कर दी, लेकिन सरकार अब तक खरीफ प्लान तक नहीं बना पाई। खाद-बीज को लेकर किसान परेशान हैं। (MP News)
MP News: मध्य प्रदेश में मानसून (Monsoon) तो तय समय से एक दिन की देरी से आ गया पर खरीफ बोवनी की तैयारी करने में अफसर ही लेट हो गए। शुरुआत में ही अच्छी बारिश के बाद बैतूल और छिंदवाड़ा सहित आधे प्रदेश में खेतों में किसानों ने बोवनी भी शुरू कर दी और राज्य का खरीफ प्लान तैयार नहीं हो पाया। (Kharif plan for farmers)
यह प्लान खरीफ बोवनी की रीढ़ है। इसमें न सिर्फ जरूरी संसाधनों का जिक्र होता है, बल्कि बोवनी से पहले किसानों तक कैसे खाद पहुंचे, इसका भी उल्लेख होता है। यह कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) की देखरेख में बनता है। इसके लिए हर संभाग में बैठक कर उसके जिलों के किसानों की जरूरत और आवश्यक संसाधनों पर बात होती है।
किसानों को संभावित समस्या को भी दूर करने का प्लान भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर करना होता है। अभी 5 संभाग में खरीफ प्लान की बैठक बाकी हैं। किसान खाद और बीज के लिए परेशान हैं। खुले बाजार में सब है पर महंगे इस कदर हैं कि 4 किलो मक्का बीज 1100 रुपए का है। कृषि विभाग दावा है कि सहकारी और मार्कफेड केंद्रों पर पर्याप्त खाद-बीज हैं, पर किसानों की मानें तो यह बात पूरी तरह सच नहीं है। (Kharif plan for farmers)
अब तक इंदौर, उज्जैन, सागर, रीवा और शहडोल संभागों में ही एपीसी की बैठकें हुई हैं। 27 जून को चंबल व ग्वालियर, 25 जून को भोपाल व नर्मदापुरम, 26 जून को जबलपुर संभाग में बैठकें प्रस्तावित हैं। जबलपुर को छोड़कर बाकी के चार संभागों की दो संयुक्त बैठकें होंगी। इन संभागों के किसानों का कहना है कि बोवनी शुरू कर दी है। कुछ खाद व बीज सोसायटियों से मिला, बाकी का खुले बाजार से महंगे दामों पर लेना पड़ा। (Kharif plan for farmers)
केस-1: नर्मदापुरम संभाग को लेकर कृषि उत्पादन आयुक्त की बैठक 25 जून को भोपाल संभाग के साथ प्रस्तावित है, जबकि इस संभाग में आने वाले बैतूल जिले के ग्राम लक्कड़जाम के किसान अमरसिंह धुर्वे ने बताया कि गांव में बोवनी का 75 फीसद काम निपट चुका है।
केस- 2 : 14 जून को उज्जैन संभाग में कृषि उत्पादन आयुक्त ने बैठक ली। 15 व 16 जून को जिले के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हुई। बड़नगर के कई किसानों ने पत्रिका को बताया कि वह बोवनी का 10 से 25 फीसद काम निपटा चुके हैं।
खाद डीएपी प्लस पनपीके एसएसपी यूरिया
उपलब्धता 3.90 लाख 4.75 लाख 4.50 लाख
वितरण अब तक 3.80 लाख 2.00 लाख 6.02 लाख
वितरण बीते वर्ष 3.70 लाख 2.07 लाख 6.00 लाख
कुल मांग 12 लाख 6.50 लाख 17 लाख
(नोट: खाद मीट्रिक टन में 19 जून की स्थिति, बीते वर्ष के आंकड़े 19 जून 2024 तक के )
बीते वर्ष खरीफ प्लान में देरी की ओर पत्रिका ने ध्यान दिलाया। अफसरों ने आनन-फानन में बैठकें बुलाई, तब भी कई जिलों में बोवनी निपट चुकी थी। इस बार भी अफसरों ने कोई सबक नहीं लिया।
बैठक कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में ही होती है। अभी प्रभारी कृषि उत्पादन आयुक्त एसीएस अशोक बर्णवाल है। उन्हें बैठकें कर जिलों में खरीफ बोवनी की व्यवस्था करानी थी, जिसमें वे पिछड़ गए।