Rajnath Singh- केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आधुनिक युद्ध प्रणाली के लिए मौजूदा तकनीक में निपुणता, नवाचार और अप्रत्याशित चुनौतियों के लिए तैयार रहने को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है।
Rajnath Singh- केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आधुनिक युद्ध प्रणाली के लिए मौजूदा तकनीक में निपुणता, नवाचार और अप्रत्याशित चुनौतियों के लिए तैयार रहने को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। बुधवार को डॉ. आंबेडकर नगर महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में रण-संवाद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अब केवल एक नारा नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा का अटूट आधार बन गया है। युद्ध, संघर्ष और युद्ध लड़ने की कला पर आयोजित पहले त्रि-सेवा सम्मेलन में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहु-क्षेत्रीय परिचालन एवं प्रौद्योगिकी परिप्रेक्ष्य और कैपेबिलिटी रोडमैप के लिए संयुक्त मत जारी किया। उन्होंने सेना के सभी जवानों को ड्रोन प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने के फैसले को स्वीकार करते हुए इसे परिवर्तनकारी कदम बताया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध अब भूमि, समुद्र और हवा तक सीमित नहीं रह गए हैं; अब वे अंतरिक्ष व साइबर-स्पेस तक फैल गए हैं। उपग्रह प्रणालियां, उपग्रह-रोधी हथियार और अंतरिक्ष कमान केंद्र शक्ति के नए साधन हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि अब केवल सैनिकों की संख्या या हथियारों के भंडार का आंकड़ा ही पर्याप्त नहीं है, क्योंकि साइबर युद्ध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव रहित हवाई यान और उपग्रह आधारित निगरानी भी भविष्य के युद्धों को आकार दे रहे हैं। उन्होंने सटीक निर्देशित हथियारों, वास्तविक समय की खुफिया जानकारी और डेटा-संचालित सूचना को किसी भी युद्ध में सफलता की कुंजी बताया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है कि जब तक हम एक नवाचार को पूरी तरह समझ पाते हैं, तब तक दूसरा उभर आता है। मानव रहित हवाई वाहन, हाइपरसोनिक मिसाइलें, साइबर हमले और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित निर्णय प्रक्रिया ऐसे उपकरणों के उदाहरण हैं, जो आधुनिक समय के संघर्षों में अप्रत्याशित बदलाव ला रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को एक आदर्श उदाहरण और प्रौद्योगिकी-संचालित युद्ध का एक अद्भुत प्रदर्शन बताया। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान में पनाह लिए आतंकवादियों के खिलाफ दिखाई गई बहादुरी और आक्रामकता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ऐसी कार्रवाई है, जिसकी शत्रु ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैनिकों को ड्रोन के प्रशिक्षण संबंधी फैसले का भी जिक्र किया। उन्होंने इस निर्णय को स्वीकार करते हुए कहा कि यह संकल्प नि:संदेह एक परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। 2027 तक सेना के सभी जवानों को ड्रोन प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने का यह निर्णय सेना प्रशिक्षण कमान ने लिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रुद्र ब्रिगेड, शक्तिबाण रेजिमेंट, दिव्यास्त्र बैटरी, ड्रोन प्लाटून तथा भैरव बटालियन के गठन की सेना की पहल की भी सराहना की। उन्होंने इस निर्णय को बदलते समय के अनुसार एक आवश्यक कदम बताया।
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहु-डोमेन परिचालनों के लिए संयुक्त मत जारी किया। यह मत भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष, साइबर और संज्ञानात्मक क्षेत्रों में सशस्त्र बलों के एकीकृत एवं समन्वित रोजगार के लिए आगे का रास्ता दिखाता है। रक्षा मंत्री द्वारा ‘प्रौद्योगिकी परिप्रेक्ष्य’ और ‘कैपेबिलिटी रोडमैप’ भी जारी किया गया। इसमें 10 वर्ष की अवधि के लिए सशस्त्र बलों की दीर्घकालिक आधुनिकीकरण योजनाओं की रूपरेखा दी गई है।
रण संवाद में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह, पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश भी उपस्थित थे।