MP News: राजधानी भोपाल में अरेरा कॉलोनी, अशोका गार्डन से लेकर कोलार, नेहरू नगर, तुलसी नगर, सुभाष नगर जैसे आवासीय क्षेत्रों में अब छोटे-छोटे उद्योग खुल सकेंगे। शासन के माध्यम से टीएंडसीपी ने इसकी सूची तैयार कर नोटिफाई कर दी है।
MP News: राजधानी भोपाल में अरेरा कॉलोनी, अशोका गार्डन से लेकर कोलार, नेहरू नगर, तुलसी नगर, सुभाष नगर जैसे आवासीय क्षेत्रों में अब छोटे-छोटे उद्योग खुल सकेंगे। शासन के माध्यम से टीएंडसीपी ने इसकी सूची तैयार कर नोटिफाई कर दी है। भूमि विकास नियम में इसके लिए बदलाव किया गया है। हालांकि, इस बदलाव के बाद आवासीय क्षेत्र में शांति भंग समेत यहां पार्किंग और ट्रैफिक आदि की दिक्कतें होंगी। लेकिन प्रशासन का तर्क है इससे लोगों क्षेत्र में रोजगार मिलेगा।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने उद्योगों को रेड, ऑरेंज, ग्रीन के ब्लू व व्हाइट श्रेणी में तय किया है। आवासीय क्षेत्र में ब्लू व व्हाइट श्रेणी के उद्योग ही शुरू हो सकेंगे। तय सूची में इनकी संख्या 767 है। रेड व ऑरेंज अधिक प्रदूषणकारी उद्योग होने से इन्हें वाणिज्यिक व आवासीय दोनों में प्रतिबंधित किया है। ग्रीन श्रेणी के वाणिज्यिक क्षेत्र,जबकि ब्लू व व्हाइट आवासीय श्रेणी में शुरू हो सकेंगे।
कूलर व सायकिल असेंबलिंग, कागज,प्लास्टिक बेलिंग के तहत हाइड्रोलिक प्रेस, जैव कीटनाशक, पीवीसी, पेपर शीट, अंडा ट्रे, चाय पैकेजिंग, चाक बनाना, होजिरी आइटम, विद्युत लैंप-एलइडी निर्माण, फाउंटेन पेन निर्माण, कांच की शीशी, ग्लास पुट्टी, हथकरघा, चमड़े की कटाई, नारियल भूसी से कॉयर सामान, धातु के ढक्कन- कंटेनर निर्माण, जूता,बाल व पेंट ब्रश, जैविक खाद, पाउडर दूध पैकिंग, पेपर पिन और यू क्लिप, रस्सी निर्माण, सौर मॉड्यूल निर्माण, बटन हुक, सिरेमिक उत्पाद, नमक क्रशिंग व पैकेजिंग, जरी-कढ़ाई, इंजीनियरिंग वर्कशॉप, दाल- अनाज तलना, बागवानी,पर्स-हैंडबैग व माचिस निर्माण, दरी-दवा की थैलियां, स्कूल बैग निर्माण, कांच की चूडिय़ां, कांच के सजावटी सामान, ताला, तेल स्टोव, बिलियर्ड, टेबल टेनिस-गेंद निर्माण, लकड़ी औजारों के हैंडल, चश्मा फ्रेम, मच्छरदानी, आचार पापड़ समेत 767 श्रेणी के उद्योग।
व्यवसायिक क्षेत्र में अलमारी, ग्रिल निर्माण, बेकरी-मिठाइयां, ब्लॉक निर्माण, बिना बॉयलर बैटरी निर्माण, सीमेंट भंडारण-पैकैजिंग, रील निर्माण, नारियल प्रसंस्करण, फिनाइल, कैंडी निर्माण, प्रीकास्ट सीमेंट उत्पाद, शीतगृह, बर्फ बनाना, सिरेमिक कप-प्लेट, साबुन-डिटर्जेंट, शराब उत्पाद समिश्रण, मछली चारा, फर्नीचर निर्माण, फोम निर्माण, जूट प्रसंस्करण, दाल मिल, रबर सामान, गुड बनाना, गोशालाएं जैसे 111 उद्योग।
नियमों में बदलाव किया गया है। गैर प्रदूषणकारी उद्योगों के लिए नई जगह बनेगी। इससे आमजन को लाभ होगा।- श्रीकांत बनोठ, आयुक्त सह संचालक टीएंडसीपी