Carbide Gun Ban : कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने धारा-163 के तहत तत्काल प्रभाव से कार्बाइड गन की बिक्री, खरीद और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया।
Carbide Gun Ban :मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत राज्य के कई जिलों में दिवाली के मौके पर 'कार्बाइड गन' खासा चर्चा में रही। पहली चर्चा तो इस गन के चने की आवाज रही और दूसरी चर्चा दुर्घटनाओं की हुई, जो इस घातक 'कार्बाइड गन' की आतिशबाजी से हुई। क्योंकि राजधानी में कई बच्चों से लेकर बड़े तक इस कार्बाइड गन के शिकार होकर घायल हुए हैं। सामने आई इन घटनाओं के बाद जिला प्रशासन सख्त हो गया है। इस गुरुवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने धारा-163 के तहत तत्काल प्रभाव से कार्बाइड गन की बिक्री, खरीद और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया। इसकी निगरानी का जिम्मा जिले में एसडीएम, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को दिया गया है।
आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि इस गन का स्टॉक मिलने पर संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी। दिवाली के त्योहार पर बेची गई इसी खतरनाक पटाखा गन ने प्रदेश में 200 से अधिक लोगों की आंखों को गंभीर रूप से चोटिल किया है। इसमें भोपाल के ही 150 से अधिक लोग प्रभावित हैं।
कलेक्टर के निर्देश के बाद शहर के सभी एसडीएम कोलार, बैरागढ़, हुजूर, टीटी नगर और एमपी नगर क्षेत्र में पटाखा बाजारों की जांच के लिए निकल पड़े हैं। 'कार्बाइड गन' जब्त करने निकले अदिकारियों का कहना है कि, जांच के दौरान दुकानों से गन नहीं मिली। हालांकि, ग्यारस तक टीम लगातार बाजारों पर नजर रखेगी और इस घातक 'कार्बाइड गन' को बेचने या चलाने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।
दिवाली के एक दिन पहले गोविंदपुरा और बैरसिया एसडीएम की टीमों ने 50 से अधिक कार्बाइड गन जब्त की थीं। वहीं बैरागढ़ क्षेत्र में कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता तक सीमित रह गई।
दिवाली के अगले दिन इस जुगाड़ू पटाखे से हुई दुर्घटना की भयावहता सामने आने के बाद प्रशासन जागा। आनन-फानन में बुधवार को पुलिस ने गोविंदपुरा और एमपी नगर क्षेत्र में दो विक्रेताओं को पकड़ा। गुरुवार को भी गांधीनगर क्षेत्र में एक विक्रेता को गिरफ्तार कर उसके पास से पाइप गन जब्त की गई।