आगर आपका बच्चा भी इस बार 10th या 12th में आया है, तो ये खबर आपके काम की है, यहां CBSE स्टेट टॉपर स्टूडेंट्स बता रहे हैं कि मैरिट लिस्ट में कैसे आया उनका नाम
सीबीएस 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित हो गया। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इस बार स्टेट टॉपर्स की रैंक पर बाजी मार गया। पत्रिका ने स्टेट के टॉपर स्टूडेंट्स से बात कर जाना कि टॉपर बनने के लिए आखिर उन्होंने ऐसा क्या स्पेशल किया…
पिता : श्रीनिवासन अय्यर, मां: रेवती श्रीनिवासन
एग्जाम के समय रोज 6 से 7 घंटे सेल्फ स्टडी करती थीं। सब विषयों के लिए समय का निर्धारण कर टाइम-टेबल के हिसाब से तैयारी की। हिस्ट्री पढऩा पसंद है, पॉलिटिकल साइंस पसंदीदा विषय है। मां एलआइसी में एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर हैं और पिता भोपाल कोर्ट में एडवोकेट हैं। बड़ी बहन पुणे से लॉ की पढ़ाई कर रहीं हैं। मैं स्वयं सिविल सर्विस पास करना चाहती हूं।
पिता : तोशन कुमार बडिये, मां : राखी बडिये
मैं जेईई एडवांस की तैयारी कर रही हूं। उसी पर पूरा फोकस है। बोर्ड एग्जाम के लिए तो नहीं, लेकिन जेईई के लिए कोचिंग क्लास जॉइन की। मेरी इच्छा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की है। मम्मी हाउस वाइफ हैं और पापा गवर्नमेंट जॉब करते हैं। मैं सिंगल चाइल्ड हूं और मैं अपने पैरेंट्स को खुद पर गौरवांवित कराना चाहती हूं। ये रिजल्ट उसी का एक हिस्सा है।
पिता : परविंदर सिंह, मां : चुशविंदर कौर 10वीं टिप्स
मैं रोज स्कूल के अलावा रोज 5 से 6 घंटे पढ़ाई करता था। मुझे मैथ्स और साइंस पढऩा हमेशा से पसंद है। मैं मैथ लेकर अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहता हूं। मैं सबसे थोड़ा अलग सोचता हूं, मुझे आइआइटी पास करके इंजीनियर तो बनना चाहता ही हूं। इसके बाद मेरा सपना है कि मैं आर्मी में ऑफिसर रैंक पर ज्वाइन कर देश की सेवा करूं।
पिता : नरेश महावर, मां: पूजा महावर 10वीं
सुबह 6.30 बजे उठकर पढ़ाई की। स्कूल में उस दिन जो भी पढ़ाया जाने वाला होता, मैं पहले से पढ़कर जाती, ताकि समझने में आसानी हो। मम्मी निजी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल हैं, पापा निजी कंपनी में जॉब करते हैं। मुझे सोशल साइंस पढऩा ज्यादा पसंद नहीं है, संस्कृत मेरा फेवरेट है। मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हूं।
12वीं की ग्वालियर ग्लोरी की छात्रा लकी खत्री ने ह्यूमैनिटीज में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पूरे सिलेबस पर फोकस रखा गया और सेल्फ स्टडी करके प्रतिदिन किताबों को पढ़ा गया। परीक्षा के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी रखी।
ग्वालियर ग्लोरी की छात्रा विजेता गाबरा ने पीसीएम में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। विजीता ने बताया कि वह अभी आइआइटी की तैयारी कर रही हैं, उन्हें इंजीनियरिंग में जाना है। विजीता ने बताया कि उन्होंने पीसीएम के लिए किसी भी कोचिंग की मदद नहीं ली।
सिंधिया कन्या विद्यालय की कॉमर्स विषय की छात्रा पार्थवी शाह ने 12वीं में 97.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन 3 से 4 घंटे ही पढ़ाई करती थीं और हर सब्जेक्ट को काफी गहराई के साथ पढ़ा। वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व शिक्षकों को देती हैं।