भोपाल

दिल्ली से आया था अलर्ट! फिर भी आठ बच्चों को दी जहरीली कोल्ड्रिफ, सभी की मौत

Cough Syrup Case: बच्चों की अप्राकृतिक मौतों पर नागपुर और दिल्ली ने मध्यप्रदेश को अलर्ट किया था। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया।

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Oct 12, 2025
Cough Syrup Case Shocking Update(फोटो सोशल मीडया)

Cough Syrup Case: बच्चों की अप्राकृतिक मौतों पर नागपुर और दिल्ली ने मध्यप्रदेश को अलर्ट किया था। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया। जहरीली कोल्डिफ सिरप की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने से बचते रहे। तब तक आठ बच्चों ने सिरप का सेवन कर लिया और मौत की नींद सो गए। अब परिवार के लोग बिलख रहे हैं।

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दिल्ली से 18 सितंबर को किया गया मप्र को अलर्ट

असल में छिदवाड़ा में जिन बच्चों को आरोपी डॉक्टर प्रवीण सोनी ने कोल्डिफ सिरप दी, 15 सितंबर से पहले इनमें से कई की तबीयत बिगड़ चुकी थी। कुछ की मौत हो चुकी थी। चूंकि कारण एक जैसे प्रतीत हो रहे थे, इसलिए संबंधित अस्पतालों ने स्वास्थ्य मंत्रालय की मेट्रोपॉलिटन सर्विलांस यूनिट (एमएसयू) को खबर किया। एमएसयू ने 16 सितंबर को केंद्र को अवगत कराया। छानबीन के बाद 18 सितंबर को मध्यप्रदेश को अलर्ट भेजा गया। कुछ अधिकारियों को इसी दिन मिला तो कुछ को भनक 19 सितंबर को लगी। इसके बावजूद सिरप पर बैन नहीं लगाया। न ही कोई एडवाइजरी जारी की। फलस्वरूप 16 और 18 सितंबर के बाद आठ परिवारों के लोग अपने बच्चों को डॉ. प्रवीण सोनी व अन्य के पास लेकर पहुंचे थे।

डॉ. सोनी ने किया उल्लंघनः पटेल

स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद शिवाजी पटेल ने शनिवार रात जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। मीडिया से चर्चा में कहा कोल्ड्रिफ सिरप डॉक्टर (प्रवीण सोनी) की पत्नी के मेडिकल पर ही उपलब्ध था। 4 वर्ष तक के बच्यों को सिरप लिखना नियमों का उल्लंघन है। इसके बाद भी लिखा। प्रथम वृष्टया ही वह दोषी है।

दिल्ली, मध्यप्रदेश और छिंदवाड़ा के स्तर पर अनदेखी

  1. नागपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पहले खबर स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को की। चाहते तो वहीं से देश में जहरीली दवाओं पर बैन लगाया जा सकता था।
  2. केंद्र के जिम्मेदार अधिकारियों ने मध्यप्रदेश को एक से तीन दिन के अंतर के बाद नागपुर एमएसयू का अलर्ट ट्रांसफर किया। उसका कोई अपडेट भी नहीं लिया। मप्र के अधिकारी कार्रवाई में कुछ तेजी तो लाए लेकिन सिरप बैन नहीं किया। रिपोर्ट का इंतजार करते रहे।
  3. छिंदवाड़ा प्रशासन को भी नागपुर में बच्चों की मौत की भनक लग गई थी. लेकिन किसी ने उस रोजी से काम नहीं किया, जिसकी जरूरत थी।

छिंदवाड़ा में 16 को ही शुरू हो चुका था सर्वे

Cough Syrup Case

छिंदवाड़ा के स्वास्थ्य महकमे को पहले से बच्चों की मौत की जानकारी थी। सर्वे 16 सितंबर से शुरू कराया गया कि किन-किन बच्चों की मौत हो रही है। इसके बावजूद मौत की मूल वजह सिरप पर बैन नहीं लगाया।

केंद्र ने जांच को अनिवार्य किया, मात्रा भी तय

सिरप में उपयोग किए जाने वाले रॉ मैटेरियल और निर्मित उत्पादों में एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) और डाई-एथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की जांच केंद्र सरकार ने अनिवार्य कर दी है। मात्रा 0.10% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इंडियन फार्माकोपिया कमीशन ने आदेश जारी कर दिए हैं।

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Updated on:
12 Oct 2025 01:03 pm
Published on:
12 Oct 2025 08:05 am
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