MP News: किसी किराएदार को हटाने का मामला हो या फिर बेसमेंट में कमर्शियल उपयोग को खत्म कराने का काम। तहसीलदार और राजस्व अधिकारी अब इस तरह के कार्यों में दखल नहीं दे पाएंगे।
MP News: प्रदेश में किसी किराएदार को हटाने का मामला हो या फिर बेसमेंट में कमर्शियल उपयोग को खत्म कराने का काम। तहसीलदार और राजस्व अधिकारी अब इस तरह के कार्यों में दखल नहीं दे पाएंगे। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक हर समस्या में तहसीलदार, राजस्व अधिकारी, एसडीएम की भागीदारी को सीमित किया जा रहा है। कलेक्टर को शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों को अपने तय काम ही करने है। यदि उनके पास उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर के काम का कोई आवेदन, शिकायत आती है तो वे खुद इसमें न उलझें, बल्कि संबंधित विभाग को इसे बढ़ा दें। हर काम में प्रशासनिक अफसरों की बढ़ती दखल और इससे जुड़ी शिकायतों पर शासन ने लिखित आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि, कोर्ट में पहुंचे एक मामले में तहसीलदार की जबरिया दखल साबित हुई थी। पीएस राजस्व विवेक पोरवाल की ओर से कलेक्टर को लिखित में निर्देशित गया है कि राजस्व अधिकारी कोई भी आवेदन विचार लिए लेने से पहले तय कर लें कि ये उनके क्षेत्राधिकार में है या नहीं।
प्रशासनिक टीम को अपने काम पर फोकस करने के लिए कहा गया है। संबंधित विभागों के साथ उनके काम में समन्वय करने की जिम्मेवारी भी दी जाती है, लेकिन वे सीधे शामिल नहीं होते हैं। - कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर