SIR- एसआईआर के बहाने नाम काटने का कांग्रेस का बड़ा आरोप, पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि बीजेपी ने साजिश रची
SIR- मध्यप्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआइआर को लेकर दिक्कतें बरकरार हैं। अनेक बीएलओ के पास अभी गणना पत्रक तक नहीं पहुंचे हैं। मतदाता मैपिंग में बहुत समय लग रहा है जिससे काम समय पर पूरा होना असंभव सा है। हालांकि इसके लिए प्रशासन ने अब अलग-अलग वर्गों की सहायता लेने की पहल की है। इस काम में नेशनल कैडेट कोर यानि एनसीसी कैडेट की भी मदद ली जा रही है जिसके लिए स्कूलों को पत्र लिखा गया है। इस बीच एसआइआर को लेकर कांग्रेस फिर मुखर हुई। पार्टी के एसआइआर प्रमुख पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने आरोप लगाया कि SIR के तहत गरीब व जरूरतमंद वर्ग को सरकारी योजनाओं से वंचित करने के लिए नाम काटने की साजिश रची गई है। बीजेपी ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर यह खेल खेला है।
प्रदेशभर में एसआईआर के काम को लेकर लापरवाही बरतने की शिकायतें सामने आ रहीं हैं। राजधानी भोपाल में भी हालात अच्छे नहीं हैं। भोपाल जिले में सात विधानसभा सीटों पर कुल 21.25 लाख मतदाता हैं। इनमें से महज साढ़े छह लाख वोटर्स ही 2003 की सूची में है। 14 लाख से अधिक मतदाताओं की लिंक प्रदेश के अन्य जिलों, राज्यों की सूची से देखना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 2029 बीएलओ, 233 सुपरवाइजर, 110 निरीक्षण अधिकारी एक दिन में औसतन 6200 मतदाताओं की मैपिंग कर पा रहे हैं। यानी एक बीएलओ पूरे दिन में तीन मतदाता तक ही पहुंच पा रहा है। जिले की इस गति से मैपिंग हुई तो काम पूरा होने में कई माह लग जाएंगे। हालांकि कलेक्टर कौशलेेंद्र विक्रम सिंह तय अवधि पर काम पूरा कर लेने का दावा कर रहे हैं।
इस बीच एमपी कांग्रेस ने SIR को लेकर बीजेपी और चुनाव आयोग को घेरा। मध्यप्रदेश कांग्रेस SIR मॉनिटरिंग एवं समन्वय समिति के अध्यक्ष सज्जन वर्मा ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के दबाव में कमजोर तैयारी के साथ SIR शुरू कर दिया। प्रदेश में आधे BLO के पास गणना पत्रक भी नहीं है। सज्जन वर्मा ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर गरीब मजदूर वर्ग, अजा-अजजा वर्ग के नाम मतदाता सूची से काटने की साजिश की है। ताकि वंचित वर्ग को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सके।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री व SIR मॉनिटरिंग एवं समन्वय समिति के अध्यक्ष सज्जन वर्मा ने कहा-
चुनाव आयोग को हम पवित्र संस्था मानते हैं…हम बार बार जाकर शिकायतें कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश का कोई भी व्यक्ति मतदान से वंचित न रहे लेकिन एक अधूरी, कमजोर तैयारी, बीजेपी सरकार के दबाव में चुनाव आयोग ने एसआईआर का कार्यक्रम लागू कर दिया। 4 तारीख से ये कार्यक्रम लागू हुआ है, बीएलओ जिन्हें बनाया है उनके पास गणना पत्र नहीं है, जिनमें मतदाताओं के नाम लिखना है, सही करके देना है … एससी, एसटी, गरीब वंचित वर्ग के नाम काटने की बीजेपी के साथ मिलकर साजिश की गई ताकि उसे सरकारी योजनाओं का लाभ भी न मिल सके। मतदाताओं से आग्रह करता हूं कि आप सचेत रहें, हो सकता है आपका नाम भी सूची से हटाने की साजिश हो…