भोपाल

80 तोला सोने से होगा महालक्ष्मी का श्रृंगार, दुबई से आएगा स्वर्ण मुकुट

Diwali 2025: धनतेरस के साथ दीपोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। सुख-समृद्धि के इस महापर्व की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। शहर के प्रमुख मंदिरों में भी विशेष तैयारियां की जा रही है।

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Oct 16, 2025
Diwali 2025 Mahalakshmi Puja (फोटो सोर्स : पत्रिका)

Diwali 2025: धनतेरस के साथ दीपोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। सुख-समृद्धि के इस महापर्व की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। शहर के प्रमुख मंदिरों में भी विशेष तैयारियां की जा रही है। इसमें माता महालक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण की पोशाक, आभूषणों से लेकर सभी प्रकार की तैयारियां जारी है। देश-विदेश से अलग-अलग स्थानों से मां महालक्ष्मी के लिए विशेष पोशाक, आभूषण, श्रृंगार सामग्री लाई जा रही है।

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80 तोला सोने से महालक्ष्मी का श्रृंगार

भोपाल के नेहरू नगर करुणाधाम आश्रम स्थित महालक्ष्मी मंदिर में दीपोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर माता रानी का आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। मंदिर के शाश्वत शांडिल्य ने बताया कि दिवाली के लिए माता रानी की चार पोशाक बहरीन से आ रही है, इसके साथ ही दो स्वर्ण मुकुट दुबई के भक्त द्वारा भेजे जाएंगे। इसी प्रकार दक्षिण भारत तिरुवनंतपुरम से भी झूमके, कमरबंद, अंगूठी सहित अन्य आभूषण आएंगे। दिवाली पर 80 तोला सोने से माता महालक्ष्मी का श्रृंगार किया जाएगा। दीपोत्सव की शुरुआत धन तेरस पर फायर शो और डिजिटल आतिशबाजी के साथ होगी।

अहमदाबाद से आएगी लक्ष्मीनारायण की ड्रेस

लक्ष्मीनारायण बिड़ला मंदिर में भी दीपोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर के प्रबंधक केके पांडे ने बताया कि भगवान के लिए आभूषण और ड्रेस अहमदाबाद से आ रही है। इसमें भगवान लक्ष्मीनारायण सहित अन्य देवी देवताओं की पोशाक भी रहेगी। दिवाली के मौके पर सुबह से दोपहर 1 बजे तक शाम से रात्रि 10 बजे तक मंदिर खुला रहेगा। आकर्षक साज सज्जा की जाएगी।

8 किलो चांदी के आभूषणों से

श्रृंगारः उत्कल समाज के जवाहर चौक 12 वफ्तर स्थित जगन्नाथ परिसर में बने महालक्ष्मी मंदिर में भी माता महालक्ष्मी का आकर्षक-श्रृंगार किया जाएगा। समिति के सचिव मानस रंजन मोहंती ने बताया कि मां महालक्ष्मी का श्रृंगार 8 किलो चांदी के आभूषणों से किया जाएगा। साथ ही विशेष पोशाक और श्रृंगार ओडिशा पुरी से आएगी। दिवाली पर 1100 दीप जलाएंगे।

105 साल पुरानी दीपमालिका से रोशन होगा मंदिर

लखेरापुरा के श्रीजी मंदिर में भी दीपोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। यहां सात दिवसीय महोत्सव की शुरुआत हो गई है। मंदिर में 105 साल पुरानी दीपमालिका प्रज्जवलित की जाएगी। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यह 2 क्विंटल पीतल से बनी दीप मलिका है. जिसे पिलसोद कहा जाता है। इसमें 21 दीपक है और हर दीपक में 11 बातियां एक साथ जलती है।

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Published on:
16 Oct 2025 09:41 am
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