underground electricity line in 7 cities of MP पूरी बिजली लाइन अंडरग्राउंड की जाएगी।
मध्यप्रदेश के 7 शहरों की कायापलट की कवायद की जा रही है। इन शहरों में ऊपर से गुजरते बिजली के तार और खंभे हटाए जाएंगे। पूरी बिजली लाइन अंडरग्राउंड की जाएगी। जमीन के अंदर से बिजली लाइन निकालने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने तैयारी शुरु कर दी है। प्रदेश के ऊर्जा विभाग और विद्युत वितरण कंपनियों से इसके लिए नियम बनाने को कहा
गया है। वर्तमान बिजली तारों को धीरे धीरे अंडरग्राउंड केबल में बदलने की योजना तैयार की जाएगी। विद्युत नियामक आयोग ने मध्यप्रदेश विद्युत वितरण संहिता 2024 में अंडरग्राउंड बिजली लाइन का प्रावधान किया है। इसके अनुसार प्रदेश के महा नगरीय क्षेत्रों में अब अंडरग्राउंड केबल का ही प्रयोग किया जाएगा।
राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित एमपी के सभी प्रमुख सागर, रीवा और उज्जैन में जल्द ही बिजली के तार गायब हो जाएंगे। यहां बिजली सप्लाई का काम अंडरग्राउंड केबिल लाइन से किया जाएगा। यह काम 5 साल में पूरा कर लिया जाएगा।
विद्युत नियामक आयोग के अनुसार सबसे पहले उन फीडरों को अंडरग्राउंड केबल से जोड़ा जाएगा जहां राजस्व अधिक मिल रहा है। प्रमुख शहरों के अलावा प्रदेश के धार्मिक स्थलों और टूरिस्ट प्वाइंट पर भी बिजली सप्लाई अंडरग्राउंड केबल के माध्यम से ही की जाएगी। कुछ अन्य शहरों की घनी बस्तियों और आपदा संभावित इलाकों में भी अंडरग्राउंड बिजली सप्लाई की जाएगी।
नियामक आयोग द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार जिन इलाकों में बिजली चोरी की आशंका है उन क्षेत्रों में एबीसी केबल, कवर्ड कंडक्टर या अंडरग्राउंड केबल लाइन से बिजली सप्लाई की जाएगी।