UREA- मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। राज्यभर में यही हालात हैं।
UREA- मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। राज्यभर में यही हालात हैं। परेशान किसान प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि सरकार सख्ती पर उतर आई है। रीवा में तो खाद मांग रहे किसानों पर मंगलवार को खूब लाठियां बरसाई गईं। इस घटना की प्रदेशभर में आलोचना की जा रही है। बुधवार को सीएम मोहन यादव ने रीवा की घटना को लेकर अधिकारियों को बैठक बुलाई जिसमें खाद वितरण की उचित व्यवस्था के लिए कलेक्टर को पाबंद किया गया है। इस बीच रीवा जिले में 3 दिनों में ढाई रैक खाद पहुंचने की जानकारी सामने आई है जिससे यहां किल्लत खत्म होने की उम्मीद है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय भोपाल में रीवा ज़िले की खाद वितरण व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने खाद के स्टॉक और वितरण व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने किसानों की सुविधा के लिए टोकन वितरण व्यवस्था सुचारू रखने को कहा।
एमपी मार्कफेड के एमडी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि रीवा जिले में पिछले साल 1 अप्रैल से 1 सितम्बर 2024 तक 23 हज़ार मे. टन यूरिया बेची गई थी। इस साल 1 सितम्बर तक 26 हज़ार 860 मे. टन उपलब्धता रही जिसमें से 23 हज़ार 360 मे. टन यूरिया बेची जा चुकी है। 1 हज़ार 500 मे. टन यूरिया शेष है। 1 हज़ार 300 मे.टन की आधी रैक 31 अगस्त की रात को जिले में पहुंच चुकी है।
रीवा जिले की खाद समस्या के खात्मे के संबंध में बैठक में अहम जानकारी सामने आई। यहां बताया गया कि 3 दिन के अंदर रीवा में यूरिया की 2 फुल और 1 हाफ रैक पहुंचेगी। एनएफएल की 1 हज़ार 900 मे. टन की रैक रात तक जिले में पहुंच जाने की संभावना है। इफको की फूलपुर प्लांट से 2 हज़ार 700 मे. टन की रैक रवाना की गई है, जो कल शाम तक पहुंच जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार चंबल फ़र्टिलाइज़र की आधी रैक कल लोडिंग में आएगी। यह 6 सितम्बर की शाम तक रीवा पहुंच जाने की संभावना है। बैठक में यह भी बताया गया कि इस वर्ष डीएपी और एनपीके की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एडवांस प्लानिंग की गई है।