mp news: दिव्यांगजन विवाह के लिए योजना के तहत सरकारी मदद में पैसा न होने पर निराश्रित निधि या उसके ब्याज से इसमें भुगतान किया जा सकेगा। इसके लिए सरकारी पेमेंट मोड में भी बदलाव कर दिया गया है।
mp news:मध्यप्रदेश में निराश्रित निधि से अब दिव्यांगों के विवाह पर सरकारी खर्च किया जा सकेगा। इसके लिए सरकार ने दिव्यांगजन विवाह में सरकारी मदद का फॉर्मूला बदल दिया है। अभी तक निराश्रित राशि को इस पर खर्च नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
अब दिव्यांगजन विवाह के लिए योजना के तहत सरकारी मदद में पैसा न होने पर निराश्रित निधि या उसके ब्याज से इसमें भुगतान किया जा सकेगा। इसके लिए सरकारी पेमेंट मोड में भी बदलाव कर दिया गया है। इसके तहत शुरूआत से ही ई-फॉर्मेट में बेसिक मोड में भुगतान होगा। इससे आगे निराश्रित राशि की गड़बड़ी नहीं हो सकेगी और यदि कही पर गड़बड़ हुई तो उसे आसानी से एक क्लिक में पकड़ा जा सकेगा।
प्रदेश में दिव्यांगजन के विवाह को लेकर सरकारी मदद का प्रावधान है। इसमें अनेक जगह निर्धारित मद में बजट न होने या देरी से आने के कारण भुगतान में देरी होती थी। अनेक बार हितग्राही को भुगतान नहीं हो पाता। दूसरे मदों से भुगतान करने पर बाद में ऑडिट के समय दिक्कत हो रही थी। एजी ऑडिट में इस पर अनेक बार आपत्ति उठी। इसके तहत सरकार ने नियमों व भुगतान प्रक्रिया में बदलाव कर व्यवस्था की है। अब प्रकरणों में भुगतान तेजी से हो सकेगा। सूबे में 2011 की जनगणना के हिसाब से करीब पंद्रह लाख दिव्यांग हैं।
प्रदेश में दिव्यांगजन के विवाह में सरकार आर्थिक मदद करती है। इसके नियमों को सरल किया गया है। भुगतान की प्रक्रिया में इससे तेजी आएगी। नारायण सिंह कुशवाह, राज्यमंत्री, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग, मप्र
वर्तमान में दिव्यांगजन विवाह के तहत सरकार आर्थिक मदद करती है, लेकिन इसके लिए योजना के तहत रखे बजट से ही खर्च किया जाता है। योजना मद में बजट न होने पर भुगतान नहीं होता। यदि दूसरे मदों से भुगतान किया जाता है, तो वह आर्थिक अनियमितता में आता है। साथ ही उसे बाद में समायोजित करना होता है। निराश्रित निधि का अभी इसमें उपयोग नहीं किया जाता है। हालांकि निराश्रित निधि को विकास कार्य तक में खर्च किया जाने लगा, लेकिन इसमें खर्च को छूट नहीं मिल पाई थी। अब इसकी छूट तय नियमों व ई-पेमेंट मोड के साथ दी गई है। प्रदेश में अब 27 दिसंबर से नई प्रक्रिया लागू कर दी गई है।
सरकार ने निराश्रित निधि ई-पेमेंट व प्रबंधन प्रणाली में बदलाव कर दिया है। इसके तहत अब कलेक्टर को निराश्रित निधि या उसके ब्याज से दिव्यांगजन विवाह में प्रोत्साहन राशि देने के अधिकार दे दिए हैं। इसके तहत राशि की मंजूरी के लिए ई-मॉड्यूल में शुरूआत में ही ईपीओ में प्रिंसिपल एंड इंट्रेस्ट अमाउंट मोड सिलेक्ट करना होगा। सेकंड ईपीओ में इंट्रेस्ट अमाउंट सिलेक्ट किया जा सकेगा।
इसके बाद संयुक्त डिजिटल सिग्नेचर वेरीफिकेशन के बाद ईपीओ से ही ई-पेमेंट होगा। शुरूआत से ही मद सिलेक्ट करने में निराश्रित मूल राशि या ब्याज राशि सिलेक्ट हो जाएगी। इससे निचले स्तर तक इसी मद से भुगतान होगा। इससे किसी भी स्तर पर दूसरे मद का लेखा नहीं जाएगा, जिससे एक ही क्लिक पर पूरा ट्रांजेक्शन चेक हो जाएगा।
इस ई-मोड पेमेंट से निराश्रित राशि की गड़बड़ भी रूक सकेगी। इसमें विवाह योजना के तहत केवल दिव्यांगजन के प्रकरण ही लिए जा सकेंगे। इसमें दो लाख रुपए या उससे अधिक की मदद को भी ई-पेमेंट मोड में मंजूर किया जा सकेगा। इसके अधिकार कलेक्टर स्तर पर ही रहेंगे।