आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज और ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं की तस्वीर पोर्टल पर अपलोड करने के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार(National Human Rights) ने सख्त रुख अपनाया है।
MP News : आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज और ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं की तस्वीर पोर्टल पर अपलोड करने के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार(National Human Rights) ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और आयुष्मान भारत के सीईओ को नोटिस भेजकर 7 दिन में जवाब तलब किया है। आयोग ने अफसरों को फटकार लगाते हुए कहा कि योजना में ऐसा कोई नियम नहीं है जिसे अनिवार्य बताकर महिला मरीजों के निजी अंगों की तस्वीरें अपलोड की जाएं।
यह बेहद परेशान करने वाला कृत्य है। मरीजों की गोपनीयता और गरिमा का उल्लंघन है। उधर, निजता का उल्लंघन इसलिए है क्योंकि आयुष्मान(Ayushman Bharat Yojana) के पोर्टल पर फोटो अपलोड होने से पहले 4-5 हाथों से गुजरती है। ऐसे में इनके सार्वजनिक होने का खतरा रहता है।
असल में यहां आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों के सर्जरी पार्ट की तस्वीरें ली जाती है। इन तस्वीरों को आयुष्मान के ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इनमें महिला के कंधे का ऑपरेशन, ब्रेस्ट सर्जरी, महिला की किडनी का ऑपरेशन इत्यादि की तस्वीरें भी शामिल हैं। आयुष्मान क्लेम पास कराने के लिए इन फोटो को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
आयोग ने कहा, महिला मरीजों की सर्जरी पार्ट की तस्वीर से छेड़छाड़ हो सकती है। यह गंभीर है। यह कृत्य गंभीर और मरीजों की गरिमा के खिलाफ है। अनैतिक और अवैध है।