service period राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों की पेंशन अवधि की समीक्षा करने का फैसला लिया है। इसके लिए सभी विभागों से जानकारी बुलाई गई है।
मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों के इन दिनों अच्छे दिन चल रहे हैं। कर्मचारियों को दिवाली पर न केवल महापर्व मनाने के लिए पूर्व तिथि पर ही वेतन मिल गया बल्कि राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाने की उनकी बहुप्रतीक्षित मांग भी पूरी कर दी। हालांकि राज्य के सरकारी अमले का केंद्र सरकार की तुलना में डीए अभी भी कम है पर बढ़ाई गई राशि का एरियर देकर प्रदेश सरकार उन्हें संतुष्ट रखने के प्रयास में अभी तक सफल रही है। राज्य के कर्मचारियों, अधिकारियों के हित में सरकार जल्द ही एक और कदम उठा सकती है। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों की पेंशन अवधि की समीक्षा करने का फैसला लिया है। इसके लिए सभी विभागों से जानकारी बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि सरकार पेंशन के लिए निर्धारित सेवा अवधि घटा सकती है जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा।
मध्यप्रदेश में पूर्ण पेंशन के लिए 33 साल की सेवा अवधि पूरी करने का प्रावधान है जबकि केंद्र और कई अन्य राज्यों में यह अवधि बेहद कम है। कर्मचारी, अधिकारी संगठन पेंशन के लिए निर्धारित सेवा अवधि घटाने की मांग करते आए हैं। अब इस पर राज्य सरकार विचार करने पर तैयार हो गई है।
केंद्रीय कर्मचारियों को पूर्ण पेंशन के लिए निर्धारित सेवा अवधि 25 साल मुकर्रर है। देश के उत्तरी राज्यों उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तो यह अवधि और भी कम है। इन तीनों राज्यों में पूर्ण पेंशन के लिए तय सेवा अवधि महज 20 साल है। यही वजह है कि एमपी के कर्मचारी, अधिकारी पेंशन के लिए तय अवधि घटाने की मांग कर रहे हैं।
एमपी में ऐसे करीब 2.5 लाख कर्मचारी हैं जोकि वर्तमान में पूर्ण पेंशन के लिए तय 33 साल की सेवा अवधि पूरी नहीं कर पाएंगे। ये लाखों कर्मचारी पूर्ण पेंशन लाभ से वंचित रहेंगे। ऐसे में राज्य सरकार सेवा अवधि की समीक्षा करने को तैयार हो गई है। कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष भानु प्रकाश तिवारी बताते हैं कि हम सरकार को सुझाव का ड्राफ्ट दे चुके हैं। अब राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग जीएडी ने सभी विभागों से ऐसे कर्मचारियों की जानकारी बुलाई है। जीएडी प्रमुख सचिव संजय दुबे के अनुसार विभागों से कर्मचारियों, अधिकारियों की जानकारी मांगी गई है।