भोपाल

Karwa Chauth vrat: करवाचौथ व्रत विधि से लेकर जरूरी मंत्र, चांद निकलने का समय, जानिए यहां

karva chauth vrat vidhi: जानिए क्या है करवाचौथ पूजा करने की सही विधि....

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Oct 20, 2024
Karwa Chauth 2024

Karwa Chauth 2024: पति की लंबी आयु के लिए आज करवा चौथ का निर्जला व्रत रखा जा रहा है। इस वर्ष, विशेष योग संयोगों के चलते रोहिणी नक्षत्र वृष राशि में चंद्रमा का योग, व्यतिपात योग और धूम्र योग का साथ रहेगा। ज्योतिष मठ संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम के अनुसार, इस वर्ष भारत के मध्यक्षेत्र में भू-पृष्ठीय चंद्रोदय रात 8.15 बजे होगा, लेकिन चंद्रमा को क्षितिज पर देखने में 15 मिनट का समय लगेगा। अर्थात, पूजा का मुहूर्त 8.33 बजे प्रारंभ होगा।

पंडित गौतम ने बताया कि चंद्रमा की पूजा, अर्घ्य, आरती आदि के बाद महिलाएं छलनी से पति दर्शन करेंगी, जिससे पति को दीर्घायु प्राप्त होती है। अपरिपक्व और लालिमा लिए हुए चंद्रदर्शन से बचना चाहिए। पीला और सुनहरा, शांतियुक्त चंद्रमा देखने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।


200 जोड़े एक साथ करेंगे पूजा

भोपाल में कोलार स्थित करवा चौथ मंदिर में 200 जोड़े एक साथ पूजा करेंगे और छलनी से चांद को देख व्रत भी खोलेंगे। इस मंदिर के अलावा अवधपुरी स्थित मंशापूरण हनुमान मंदिर के परिसर को भी करवा चौथ के लिए सजाया गया है। वहीं कई महिलाएं घर पर ही छतों पर करवा चौथ की पूजा करेंगी।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त 2024 (Karwa Chauth Puja Muhurat 2024)

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:46 से 07:02 तक रहेगा। जबकि व्रत का समय 06:25 AM से 07:54 PM तक रहेगा। चंद्रोदय रात 8.15 बजे होगा।

करवा चौथ की पूजा-विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)

-सबसे पहले इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है।

-करवा चौथ की पूजा के लिए शाम के समय पाटे या मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें।

-फिर इसमें 10 से 13 करवे रखे जाते हैं। इसके साथ ही पूजा के स्थान पर पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि एक थाली में रख लें। मंदिर में दीपक जलाएं।

-करवा माता के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती जी, कार्तिकेय जी और गणेश भगवान की विधि विधान पूजा करें।

-फिर करवा चौथ की कथा सुनें। इसके बाद चांद निकलने पर चांद की पूजा करें।

-इस दिन चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाता है और साथ ही दर्शन के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। चन्द्र-दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में मिष्ठान, फल, मेवे, रूपये आदि चीजें देकर उनका आशीर्वाद लेती हैं।

पति की दीर्घायु की कामना कर पढ़ें यह मंत्र

'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।'

Updated on:
20 Oct 2024 10:42 am
Published on:
20 Oct 2024 10:39 am
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