Khategaon Mahila Bal Vikas Supervisor Amita Jat and Project Officer Pranay Maheshwar Dispute
मध्यप्रदेश में दो अफसर भिड़ गए। एक अधिकारी को निलंबित किया गया तो वे बिफरा उठीं। उन्होंने अपने ही विभागीय अधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए। दो अधिकारियों द्वारा एक दूसरे की पोल खोलने का यह काम खातेगांव में हुआ। यहां महिला बाल विकास विभाग की एक पर्यवेक्षक को निलंबित कर दिया गया। इससे गुस्साई पर्यवेक्षक ने महिला एवं बाल विकास के अपने ही परियोजना अधिकारी पर पैसे लेने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे पहले परियोजना अधिकारी प्रणय महेश्वर ने पर्यवेक्षक अमिता जाट के खिलाफ खातेगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
खातेगांव में महिला बाल विकास में विवाद लगातार होते रहे हैं पर अधिकारियों की ऐसी तनातनी पहले कभी नहीं देखी गई थी। यहां पर्यवेक्षक अमिता जाट ने खातेगांव महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी पर पैसा लेकर नियुक्ति करने के आरोप लगाए।
पर्यवेक्षक अमिता जाट को हाल ही में निलंबित किया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि कार्यवाही करने से पहले मुझे नोटिस तो दिया पर जवाब देने का समय दिए बिना निलंबन कर दिया। अमिता जाट ने परियोजना अधिकारी पर नियुक्ति के नाम पर राशि लेने के आरोप लगाए।
इधर खातेगांव महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी प्रणय महेश्वर ने अमिता जाट के आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि पैसे लेने के आरोप निराधार और निजी द्वेषवश लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक अमिता जाट का निलंबन जिला कार्यालय ने किया है। हमने केवल आदेशानुसार जांच कर रिपोर्ट भेजी है।
बता दें कि इससे पहले परियोजना अधिकारी प्रणय महेश्वर ने पर्यवेक्षक अमिता जाट पर गंभीर आरोप लगाते हुए खातेगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा कि संतोष सिरोही नामक व्यक्ति ने अमिता जाट के खिलाफ कोई कार्यवाही करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। प्रणय महेश्वर ने पुलिस को बताया कि वरिष्ठ कार्यालय से अमिता जाट के खिलाफ जांच के निर्देश मिले थे जिसपर उनपर दबाव बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने पर अमिता जाट, संतोष सिरोही और उनके सहयोगी इसके जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने अमिता जाट पर झूठे मामले में फंसाने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया। प्रणय महेश्वर ने यह भी बताया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके बैंक खाते में ऑनलाइन पैसे जमा कराए हैं जबकि उन्होंने ऐसे किसी लेन-देन की मांग ही नहीं की।