MP News: अगले दो से तीन माह में ये लोगों को डिजिटली मिल जाएंगे। इतना ही नहीं, जिले की हर जमीन की ड्रोन से मैपिंग कर नए नक्शे तैयार किए गए।
MP News: केंद्र के नक्शे यानी नेशनल जियो स्पेशल नॉलेज बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन प्रोजेक्ट में अब भोपाल को भी शामिल किया जा रहा है। तीसरे चरण में भोपाल को रखा है। जिले के निवासियों को भी अब अपनी जमीनों का 50 साल का रेकॉर्ड आसानी से मिल सकेगा। अगले दो से तीन माह में ये लोगों को डिजिटली मिल जाएंगे।
इतना ही नहीं, जिले की हर जमीन की ड्रोन से मैपिंग कर नए नक्शे तैयार किए गए। इसे डिजिटल इंडिया लैंड रेकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के अंतर्गत लागू किया गया है। फरवरी में केंद्र ने प्रदेश के नौ जिले को इसमें शामिल किया था। दूसरे दूसरे चरण में कुछ अन्य जिले जोड़े। अब तीसरे में भोपाल को शामिल किया जा रहा है।
डिजिटल नक्शा कार्यक्रम में जिले की 200 से अधिक ग्राम पंचायतों के करीब 600 गांवों की भूमि के नक्शों को डिजिटल रूप में लाया गया है। पुराने और हस्त निर्मित नक्शों को हाई-रिजॉल्यूशन स्कैनर का उपयोग करके स्कैन किया गया।
कोट्स नक्शा कार्यक्रम के तहत भोपाल जिले के सभी नक्शे डिजिटल स्वरूप में लाए जा रहे हैं। एक ही प्लेटफार्म पर इन्हें हाइरिजोल्यूशन में देखा जा सकेगा। मैप के लिए भागदौड़ खत्म होगी।- कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
-सटीक भू-स्थानिक मैपिंग के तहत ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण कर शहरी क्षेत्रों का विस्तृत मानचित्र तैयार किया।
-भूमि रेकॉर्ड का डिजिटलीकरण और स्वामित्व प्रमाणित कर संपत्ति विवादों को कर न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाना।