भोपाल.भोपाल मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया में 2005 से अब तक 18 संचालक व आठ संयुक्त संचालक बदल गए। चार बार प्लान बनकर ड्राफ्ट जारी भी हुआ, लेकिन अंतिम नोटिफिकेशन नहीं हो सका। हाल में मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 को 2020 में जारी कर 2024 तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली थी। भोपाल. भोपाल मास्टर […]
भोपाल.
भोपाल मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया में 2005 से अब तक 18 संचालक व आठ संयुक्त संचालक बदल गए। चार बार प्लान बनकर ड्राफ्ट जारी भी हुआ, लेकिन अंतिम नोटिफिकेशन नहीं हो सका। हाल में मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 को 2020 में जारी कर 2024 तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली थी।
भोपाल. भोपाल मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया में 2005 से अब तक 18 संचालक व आठ संयुक्त संचालक बदल गए। चार बार प्लान बनकर ड्राफ्ट जारी भी हुआ, लेकिन अंतिम नोटिफिकेशन नहीं हो सका। हाल में मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 को 2020 में जारी कर 2024 तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली थी। अंतिम नोटिफिकेशन के ठीक पहले शासन ने मास्टर प्लान 2047 बनाने की घोषणा कर इसे रद्द कर दिया। 2020 से भोपाल मास्टर प्लान का काम देख रही संयुक्त संचालक सुनीता सिंह भी इस माह रिटायर हो जाएगी। हालांकि सिंह कोशिश कर रही है कि अगले 15 दिन में ड्राफ्ट जारी हो जाए। अभी मास्टर प्लान पर टीएंडसीपी संचालक से लेकर शासन स्तर तक प्रजेंटेशन की प्रक्रिया की जा रही है।
- भोपाल प्लानिंग एरिया 1016 वर्गकिमी का तय कर दिया गया है। इसमें बड़ा तालाब का 362 वर्गकिमी का कैचमेंट एरिया व 32 वर्गकिमी का तालाब भी शामिल है। कलियासोत से लेकर केरवा और कोलार तक का करीब 6000 हेक्टेयर का वनक्षेत्र भी इसका हिस्सा है। कैचमेंट की जमीनों से जुड़े भू स्वामियों का कहना है कि यहां आवासीय अनुमति के प्रावधान किए जाएं, जबकि शहर के पर्यावरणविद् तालाब का पानी शुद्ध रखने व इसे बचाने यहां मानवीय गतिविधि प्रतिबंधित करने की मांग करते हैं। इसी तरह कलियासोत- केरवा के वनक्षेत्र के भू स्वामी यहां रिजॉर्ट, होटल, मकान बनाने के लिए कोशिश कर रहे हैं, जबकि बाघ भ्रमण क्षेत्र समेत पूरी जैव विविधता होने से इसे निर्माण व बसाहट के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र तय करने की मांग की जा रही है। इसमें ही प्लान आकर अटक जाता है।