भोपाल

बजट में आम लोगों का जीवन स्तर सुधारने वाले प्रावधान हों तो बात बने…

MP Budget 2025: मध्य प्रदेश का बजट कैसा होगा, खुद सीएम मोहन यादव ने इस बजट को खुशहाली वाला बजट बताया है। वहीं एक्सपर्ट ने भी उम्मीद जताई है कि ये बजट आम लोगों का जीवन स्तर सुधारने वाला बजट होना चाहिए...

2 min read
Mar 12, 2025
MP Budget 2025

मध्यप्रदेश का ये बजट प्रदेश की जनता के लिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा तय होगी। नागरिकों को बजट से कई अपेक्षाएं हैं, जो उनके जीवन स्तर को सुधारने में सहायक हो सकती हैं।

भोपाल शहर की अपेक्षाएं

शहर में बढ़ती आबादी को देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए नए लाईओवर, रोड वाइडनिंग और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है। भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा करने के लिए बजट में विशेष आवंटन होना चाहिए।

प्रदेश के शहरी युवाओं के लिए स्टार्टअप हब और टेक्नोलॉजी पार्क विकसित किए जाने चाहिए, ताकि आइटी और सेवा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकारी अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए, जिससे जनता को कम लागत में उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।

इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, सार्वजनिक परिवहन को विकसित करने के लिए बजट में विशेष प्रावधान की जरूरत है। कई जिलों में सड़कें खराब स्थिति में हैं। आवागमन प्रभावित होता है। नए हाईवे, ग्रामीण सड़क योजनाओं और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को सुधारने ज्यादा निवेश की जरूरत है।

महिलाओं के लिए योजनाएं

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने स्वरोजगार योजनाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए।

कृषि और ग्रामीण विकास

कई जिलों में जलसंकट है। बुंदेलखंड, विंध्य, मालवा में भूजल स्तर गिर रहा है। जल संरक्षण परियोजनाओं, नए तालाबों और झीलों के निर्माण, पुराने जलस्रोतों के पुनरुद्धार के लिए ज्यादा राशि आवंटितकी जानी चाहिए।

ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ, आधुनिक उपकरणों, पर्याप्त दवाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए। आयुष्मान योजना के तहत ज्यादा अस्पतालों को शामिल किया जाना चाहिए।

बजट में किसान कल्याण योजनाओं को बढ़ावा देने के साथ ही जैविक खेती, फसल बीमा और कृषि ऋण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही छोटे और सीमांत किसानों के लिए सब्सिडी योजनाएं भी आवश्यक हैं।

स्कूलों, कॉलेजों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाना चाहिए। स्मार्ट क्लासरूम, ऑनलाइन शिक्षण सामग्री विकसित करने की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए। कौशल विकास योजनाओं के लिए ज्यादा बजट देना चाहिए।

-डॉ. अतुल दुबे, अर्थशास्त्री


Also Read
View All

अगली खबर