Pachmarhi - एमपी में आदिवासियों को लुभाने के लिए बीजेपी सरकार हर जतन कर रही है। इसी तारतम्य में सरकार को गोंड शासक राजा भभूत सिंह की याद भी आई है।
Pachmarhi - एमपी में आदिवासियों को लुभाने के लिए बीजेपी सरकार हर जतन कर रही है। इसी तारतम्य में सरकार को गोंड शासक राजा भभूत सिंह की याद भी आई है। उनके शौर्य और पराक्रम की स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए पचमढ़ी में केबिनेट मीटिंग रखी गई है। यह बैठक पूरी तरह राजा भभूत सिंह को समर्पित होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 3 जून यानि मंगलवार को राजभवन में मंत्रि-परिषद की यह बैठक होगी। सीएम डॉ. यादव ने कहा है कि विरासत से विकास और जनजातीय नायकों को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। कैबिनेट बैठक का यह आयोजन पचमढ़ी की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को भी सामने लाने के मौके के रूप में भी देखा जा रहा है। खास बात यह है कि पचमढ़ी प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है जोकि समुद्र तल से करीब 3550 फीट ऊंचाई पर बसा है।
मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद की यह बैठक विशेष रूप से जनजातीय समाज और शौर्य पराक्रम के प्रतीक रहे राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी। बैठक के दौरान उनकी ऐतिहासिक भूमिका को पुनः याद किया जाएगा। पचमढ़ी गोंड शासक राजा भभूत सिंह के ऐतिहासिक योगदान को समेटे हुए है। उन्होंने इस पहाड़ी भू भाग का उपयोग शासन संचालन, सुरक्षा और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए किया।
पचमढ़ी की धूपगढ़ चोटी सतपुड़ा पर्वतमाला का प्रमुख आकर्षण है। यह समुद्र तल से करीब 1,350 मीटर (4,429 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। धूपगढ़ से दिखाई देने वाला सूर्योदय और सूर्यास्त न केवल पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता है, बल्कि यह स्थल गोंड साम्राज्य की रणनीतिक शक्ति और प्राकृतिक संरक्षण दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। पचमढ़ी भगवान भोलेनाथ की नगरी के रूप में भी प्रसिद्ध है।
पचमढ़ी के जिस राजभवन में कैबिनेट मीटिंग रखी गई है उसका निर्माण सन 1887 में हुआ था। ब्रिटिश शासकों द्वारा निर्मित इस गवर्नर हाउस को 1958 तक कई बार संशोधित और नवीनीकृत किया गया।