MP News: गांधी मेडिकल कॉलेज रैगिंग और स्टूडेंट्स विवाद को लेकर सख्त, NMC की गाइडलाइन के तहत उठाए सख्त कदम, कॉलेज परिसर में सीसीटीवी लगाने की तैयारी...
MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर्स की रैगिंग, कॉलेज के हॉस्टलर्स और डे स्कॉलर्स स्टूडेंट्स के बीच विवाद के मामलों को लेकर प्रशासन अब सख्त नजर आ रहा है। विवादों की आशंकाओ से बचने के लिए जीएमसी ने एंटी रैगिंग कमेटी के साथ ही अन्य 150 डॉक्टर्स को भी नाइट ड्यूटी का आदेश दे दिया है। ये सभी डॉक्टर निर्धारित की गई ड्यूटी के समय कॉलेज कैंपस में गश्त करेंगे।
जीएमसी प्रबंधन ने सख्त कदम उठाते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि रात में गश्त करने वाली डॉक्टर्स की टीम या एंटी रैगिंग कमेटी को कोई भी सीनियर स्टूडेंट जूनियर के साथ रैगिंग या दुर्व्यवहार करता पाया जाता है, तो प्रबंधन सख्त कार्रवाई करते हुए उसका एडमिशन निरस्त कर सकता है।
यही नहीं 70 साल में ऐसा पहली बार है कि जब जीएमसी ने स्टूडेंट्स को रोल नंबर के हिसाब से 5 अलग-अलग हाउसों में बांट दिया है। इन हाउस के नाम रेड, यलो, ग्रीन, ब्लैक और पिंक रखे गए हैं। इन ग्रुप के नाम से ही स्टूडेंट्स की पहचान की जाएगी। जीएमसी डीन डॉ. कविता एन सिंह ने बताया कि स्टूडेंट्स में आपसी सहयोग बना रहे और उनमें एकता की भावना को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
जीएमसी, भोपाल में में स्टूडेंट्स की सुरक्षा और रैगिंग पर कड़ी नजर बनाए रखने के लिए डीन कविता एन सिंह ने स्टूडेंट्स को अपने मोबाइल नंबर भी शेयर किए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि अगर कोई स्टूडेंट रात 2 बजे भी कॉल करेगा तो वे तुरंत एक्शन लेंगी।
बता दें कि कॉलेज में रैगिंग के मामले रोकने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) की गाइडलाइन के तहत जीएमसी ने सख्त कदम उठाया है। कैंपस में कैंटीन, लाइब्रेरी और छात्रावासों में सीसीटीवी लगाने को कहा है। इसके लिए प्रबंधन ने राज्य सरकार को इस संदर्भ का प्रस्ताव भी भेजा है। जिसके तहत पूरे संस्थान में सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात कही गई है।