MP News: हैकथॉन-2025 में एमपी के IIIT संस्थान की दो टीमों ने बनाई ग्रैंड फिनाले में जगह, अब यात्रियों को मिलेगा सुरक्षा कवच
MP News: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अब सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बदलने का बड़ा जरिया बनती जा रही है। इसका उदाहरण इस बार स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एसआइएच) 2025 में देखने को मिला, जहां इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) भोपाल के छात्रों ने दो ऐसे (स्वास्थ्य-सेतु' और 'सुरक्षाट्रेल) इनोवेटिव समाधान पेश किए, जिनसे इलाज और यात्रा दोनों और अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बन सकेंगी। डॉ. मीनाक्षी चौधरी के मार्गदर्शन में तैयार स्वास्थ्य-सेतु एक एआइ- इनेबल्ड डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म है। यह खासतौर पर प्रवासी मजदूरों और दूर-दराज में काम करने वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। इससे डॉक्टर किसी भी समय मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री सेकंडों में देख सकेंगे।
टीम 429 बिगेन कोडिंग ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की समस्या पर काम करते हुए सुरक्षाट्रेल विकसित किया। यह एक स्मार्ट ट्रैवल सेफ्टी सिस्टम है, जो यात्रियों को रियल-टाइम सुरक्षा कवच प्रदान करता है। छात्रों ने बताया कि जियो-फेंसिंग तकनीक से खतरे वाले इलाके में जाते ही अलर्ट मिलता है। इससे आपात स्थिति में एआइ आधारित फास्ट-रिस्पॉन्स सिस्टम तुरंत मदद पहुंचाता है। डेटा ब्लॉकचेन सुरक्षा से सुरक्षित रहता है और किसी भी तरह के दुरुपयोग की संभावना खत्म होती है।
प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि हैकथॉन2 025 में संस्थान की दो टीमों ने ग्रैंड फिनाले में जगह बनाई है। इसमें उदय ने राष्ट्रीय खिताब जीतकर ट्रिपल आइटी का नाम रोशन किया। टीम को 1.5 लाख का पुरस्कार मिला। संस्थान के निदेशक प्रो. अशुतोष कुमार सिंह ने दोनों टीमों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि बढ़ते नवाचार और शोध संस्कृति का प्रमाण है।
- मजदूर देश में कहीं भी जाएं, उनका हेल्थ रिकॉर्ड उनके साथ बना रहेगा।
- डॉक्टर किसी भी समय उनकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री सेकंडों में देख सकेंगे।
- सरकार को बीमारियों और संभावित स्वास्थ्य खतरों का रियल टाइम डेटा मिल सकेगा, जिससे महामारी जैसे हालात समय रहते रोके जा सकेंगे।