MP News: यूडीसी और एलडीसी लेंगे हिस्सा, 30 सितंबर तक जमा कर सकते हैं आवेदन, टीप लेखन प्रतियोगिता के लिए मंत्रालय में तैयार किया जाएगा काल्पनिक मामला...
MP News: कहते है, किसी व्यक्ति व जनहित की योजना को अटकाना हो तो उससे जुड़ी फाइल पर लिखी जाने वाली टीप के जरिए खेल किया जा सकता है। ये कई बार सोची-समझी रणनीति के तहत तो कुछ मामलों में नियमों के विपरित किए जाने वाले कामों में सुधार के लिए लिखी जाती है। जो भी हो, लेकिन एक बार फाइल पर टीप लिख दी तो मंत्री हो या अधिकारी, उसे काटने और संशोधित करने घबराने लगते हैं। मंत्रालय में ऐसे महत्वपूर्ण काम पर पहली बार प्रतियोगिता होने जा रही है, जिसे टीप लेखन प्रतियोगिता नाम दिया है। इसमें मंत्रालय के यूडीसी व एलडीसी हिस्सा लेंगे। जिस फाइल पर टीप लिखी जानी है, वह एक काल्पनिक मामले के आधार पर तैयार की जा रही है, जो कर्मचारी अच्छी टीप लिखेंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उक्त प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 30 सितंबर तक आवेदन बुलाए गए हैं। पहले यह तारीख 15 सितंबर तय की थी।
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यह प्रतियोगिता कराने का जिम्मा मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ ने लिया है। अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि जनहित के मामलों से जुड़ी फाइलों को गति देने के लिए इच्छुक कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेंगे। 15 सितंबर तक 100 लोगों ने आवेदन किए हैं। जैसे-जैसे लेखन प्रतियोगिता के मर्म को कर्मचारी समझ रहे हैं, वे आवेदन करने के लिए अच्छा जता रहे हैं, जिसे देखते हुए आवेदन मंगाए जाने की डेडलाइन बढ़ा रहे हैं।
टीप लेखन प्रतियोगिता समान अनुभव स्तर के कर्मचारियों के बीच हो इसके लिए मंत्रालय में चार समूह बनाए जाएंगे। ये समूह 1985-1995,1996-2005, 2006-2015, 2016-2025 के बीच नियुक्त कर्मचारियों अधिकारियों के होंगे। मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के वरिष्ठ सदस्य आलोक सोनी का कहना है कि समूह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कम वर्ष की सेवा अनुभव वाले अधिकारी कर्मचारी को अधिक वर्ष की सेवा अनुभव वाले से तुलना ठीक नहीं होगा।
विशेषज्ञों का का कहना है कि टीप जितनी संक्षिप्त, पिन प्वाइंटेड, सारगर्भित, नियम सम्मत, सभी पहलुओं को समेटे हुए, पूर्व उदाहरणों व भावी परिणामों को रेखांकित करती हुई और प्रकरण को दिशा देने वाली होगी, उतनी ही जल्दी उस फाइल का निराकरण होगा। यदि टीप में कहीं कोई कमी रह जाती है तो उक्त फाइल पर निर्णय लेने में समय लग सकता है। कई बार टीप में कमी के कारण अधिकारी फाइल लौटा देते हैं। आमतौर पर एक बार फाइल पेश होने और लौटाए जाने के बाद दोबारा पेश किए जाने में समय लगता है। तब तक उक्त फाइल से जुड़े व्यक्ति या योजना-परियोजनाएं अटकी रहती हैं। जनहित की भावना कागजों से बाहर नहीं निकल पाती।
कामों के आकलन का सबसे अच्छा जरिया राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के पूर्व सदस्य वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि विभागों में फाइल पर टीप लिखना सबसे खास काम होता है। किसी भी कर्मचारी, अधिकारी की दक्षता का सबसे सटीक और प्रभावी आंकलन उनके द्वारा फाइलों पर लिखी जाने वाली टीपों से किया जा सकता है।
उप सचिव या उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों की एक जूरी फाइलों पर सर्वश्रेष्ठ टीप लिखने वाले अधिकारी, कर्मचारियों का चयन करेगी। एमपीमंत्रालय में करीब 1500 कर्मचारी है, इनमें से इच्छुक उक्त प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं। सर्वश्रेष्ठ टीप लिखने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। कर्मचारी संघ ने बताया, नि:शुल्क प्रतियोगिता में सचिवालय का कोई भी सरकारी कर्मचारी भाग ले सकता है।