
Jabalpur Flyover case in mp high court: निजता के हनन के मामले के साथ ही इंजीनियरिंग की खामियों का मामला हाईकोर्ट में।
Jabalpur Flyover: भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले रेलवे ओवरब्रिज के बाद अब जबलपुर में बने प्रदेश के सबसे लंबे लाईओवर को लेकर सवाल उठाए गए हैं। खतरनाक लैंडिंग्स की वजह से बन रहे एक्सीडेंट स्पॉट और व्यू कटर न होने से निजता के हनन पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जबलपुर के तिलहरी की अधिवक्ता अलका सिंह की याचिका में मदन महल से दमोह नाका के बीच बने फ्लाइओवर पर पत्रिका की क्लिपिंग लगाकर बताया, रॉन्ग साइड ड्राइव व अनैतिक गतिविधियों से परेशानी खड़ी हो गई है।
याचिका में निजता के हनन का आरोप लगाया है। कहा है, फ्लाईओवर आवासीय इलाके से गुजरता है। दोनों ओर एकदम सट कर आवासीय कॉलोनियां हैं। फ्लाईओवर के किनारे लोगों के घरों में ताका-झांकी से लोगों की निजता का उल्लंघन हो रहा है।
लैंडिंग्स ब्लॉक्ड हैं। लैंडिंग्स पर कहीं यू टर्न नहीं बनाया। खासकर मदन महल और राइट डाउन में फ्लाईओवर की लैंडिंग बेहद खतरनाक है। यू टर्न ना बनाए जाने से लैंडिंग्स एक्सीडेंटल पॉइंट बनते जा रहे हैं। कई बार बॉटलनेक बन रहे हैं, जिससे जाम लग रहा है।
फ्लाईओवर पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चलती हैं। हॉर्न और वाहनों के कोलाहल से आसपास के इलाके में ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।
रात को बाइकर्स तेज रफ्तार से गुजरते हैं। इससे दुर्घटनाओं का खतरा है। ट्रैफिक को कंट्रोल करने पुलिस नहीं रहती। फ्लाईओवर से लोग नीचे कचरा फेंकते हैं।
याचिका में पत्रिका में 18 सितंबर को प्रकाशित खबर की क्लिपिंग संलग्न की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने पत्रिका की खबर का भी याचिका में हवाला दिया, जिसमें एक बस के फ्लाईओवर पर रॉन्ग साइड चलने का समाचार था।
Updated on:
23 Sept 2025 09:17 am
Published on:
20 Sept 2025 08:47 am
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