MP News: मध्य प्रदेश में अब स्कूल स्टूडेट्स भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे। विदेशी तर्ज पर 10वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स को सिखाई जाएगी मैकेनिकल इंजीनियरिंग से लेकर सीएमस और इंलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग तक..
MP News: स्कूलों में विद्यार्थी अब इंजीनियरिंग (Engineering in Schools of MP) भी कर सकेंगे। यह संभव होगा भोपाल में बनने वाली मेकाट्रॉनिक्स लैब (Mechatronics Lab) से। यह प्रदेश की पहली लैब होगी। विदेश की तर्ज पर दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को मैकेनिकल, कम्प्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक एकसाथ सिखाई जा सकेगी।
राजधानी भोपाल के एआइ आधारित लैब की स्थापना वोकेशनल एजुकेशन इंस्टीट्यूट (Vocational Education Institute) में होगी। लागत करीब दो करोड़ आएगी। स्कूली कोर्स में मशीनों को भी जोड़ा जा रहा है। बच्चों के स्किल डवलपमेंट पर फोकस रहेगा। जिम्मा एनसीईआरटी के वोकेशनल इंस्टीट्यूट के पास है। नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू होने के बाद स्किल डवलपमेंट बढ़ाने सिलेबस (Skill Development Syllabus) तैयार किया है। इसके लिए संस्थान लैब शुरू करेगा।
इसमें बच्चों को मैकेनिकल इंजीनियरिंग से लेकर कम्प्यूटर साइंस तक की सीख दी जाएगी। पहली लैब श्यामला हिल्स स्थित क्षेत्रीय संस्थान में बनेगी।
अधिकारियों ने बताया कि जापान सहित कई बड़े संस्थानों का सहयोग रहेगा। हाल ही में एक अनुबंध भी हो चुका है। स्कूल की चारदीवारी से निकलकर बच्चों को यहां सीखने का मौका मिलेगा। लैब की संख्या आगे बढ़ाई जाएगी।
मेकाट्रॉनिक्स में मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस और रोबोटिक्स जैसे कई क्षेत्र होते हैं। इससे कॅरियर बनाने में मदद मिलती है। जर्मनी, जापान की स्कूल शिक्षा में इसका चलन है। भारत में भी विस्तार हो रहा है।
स्कूली विद्यार्थियों के स्किल डवलपमेंट के लिए लैब शुरू होनी है। काम चल रहा है।
वीसी मल्होत्रा, कार्यक्रम समन्वयक, वोकेशनल इंस्टीट्यूट, एनसीईआरटी