mp news: एमपी की मोहन यादव सरकार निजी विद्यालय अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी में है जिसके बाद छोटे निजी स्कूल फीस में बढ़ोत्तरी करेगें..।
mp news: मध्यप्रदेश के छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पैरेंट्स पर आने वाले वक्त में बोझ बढ़ सकता है और आने वाले साल में उन्हें बच्चों की बढ़ी हुई फीस भरनी पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने एक संशोधन विधेयक तैयार किया है जिसे विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। इस संशोधन से साल में 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूलों को सरकार मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस व संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम से बाहर करने की तैयारी कर रही है।
सरकार की ओर से तैयार किए संशोधन विधेयक के पास होने के बाद 25 हजार तक की स्कूल फीस लेने वाले स्कूल 10 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ा सकेंगे। इसके लिए उन्हें जिला कमेटी से अनुमति लेने की बाध्यता नहीं होगी। प्रदेश में करीब 35 हजार निजी स्कूल संचालित हैं जिनमें से करीबन 17 हजार स्कूल हैं, जिनकी सालाना फीस 25 हजार रुपए से कम है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि छोटे स्कूल यदि 10 फीसदी फीस बढ़ाते हैं, तो बड़े स्कूलों के मुकाबले इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता। इसलिए छोटे स्कूलों को फीस बढ़ोत्तरी की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस और संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 बनाया था। इसके नियम साल 2020 में लागू किए गए। इसमें प्रावधान किया गया था कि निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से 10 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेंगे, 10 फीसदी से ज्यादा फीस वृद्धि के लिए जिला कमेटी की अनुमति अनिवार्य होगी।