MP news: भारत की छोटी सी चिड़िया ने एशिया, ऑस्ट्रेलिया, फिजी और मध्यपूर्व को भी बनाया अपना घर, आइसर ने पहली बार किया शोध, तो खुला रेड वेंटेड बुलबुल का रहस्य...
MP news: आपने घर-आंगन और बाग-बगीचों में फुदकने वाली रेड-वेंटेड बुलबुल को देखा होगा। यह छोटी चिड़िया दुनिया की 100 सबसे आक्रामक प्रजातियों में शामिल है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) के वैज्ञानिकों ने रेड-वेंटेड बुलबुल के पूरे जीनोम का सफल अनुक्रमण कर लिया है। दुनिया में पहली बार इस पक्षी का पूरा अनुवांशिक नक्शा तैयार किया गया। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर व ग्लोबल इनवेसिव स्पीशीज डेटाबेस के अनुसार, यह पक्षी भारत से निकलकर एशिया, ऑस्ट्रेलिया, फिजी और मध्य पूर्व तक फैल चुका है।
अध्ययन में इल्यूमिना शॉर्ट रीड्स और ऑक्सफोर्ड नैनोपोर लॉन्ग रीड्स तकनीक का उपयोग किया गया। शोध में पाया कि बुलबुल के जीनोम में केराटिन और फॉक्स ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर जैसे प्रोटीन ज्यादा विकसित हैं। यही प्रोटीन इसकी आवाज, उड़ान और अनुकूलन क्षमता को मजबूत बनाते हैं। ऐसे जीन समूह भी खोजे, जो लिपिड मेटाबॉलिज्म से जुड़े हैं। ये जीन बुलबुल को नई जगहों और मौसमों में तेजी से ढलने की क्षमता देेते हैं।
आइसर के वैज्ञानिक प्रो. विनीत के. शर्मा, मार्टिन अब्राहम पुथुमाना, मनोहर एस. बिष्ट और मिताली सिंह का यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जर्नल ‘डीएनए रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ है। प्रो. विनीत का कहना है कि अब तक इस पक्षी का उच्च गुणवत्ता वाला जीनोम डेटा नहीं था। इससे पता नहीं चल पाता था कि यह पक्षी तेजी से कैसे फैलता है, हर पर्यावरण में कैसे खुद को ढालता है।