MP rain quota प्रदेश में अभी मानसून के महज करीब सवा माह ही बीते हैं यानि आधा से ज्यादा सीजन बाकी है।
MP rain MP weather MP weather forecast MP rain quota मध्यप्रदेश में बारिश ने इस बार सभी पुराने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। हाल ये है कि ज्यादातर जिलों में बारिश का कोटा फुल हो चुका है। प्रदेश के ज्यादातर डेम भी पानी से लबालब हो चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अब तक औसत 19 इंच पानी गिर चुका है जोकि सामान्य बरसात से करीब 2 इंच अधिक है। प्रदेश में अभी मानसून के महज करीब सवा माह ही बीते हैं यानि आधा से ज्यादा सीजन बाकी है। खास बात यह है कि सावन में महीने में बादल खूब बरसे। इस सदी में महज पांचवीं बार प्रदेश में ऐसी जोरदार बरसात हुई है।
मध्यप्रदेश में मानसून आने के शुरुआती 39 दिनों में ही सीजन की आधी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। एमपी में अब तक 19 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है जोकि सामान्य से 2 इंच ज्यादा है। सावन के महीने की शुुरुआत से ही प्रदेश में बादल जमकर बरस रहे हैं जिससे पिछले कई रिकार्ड ध्वस्त हो गए हैं।
मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। राजधानी भोपाल Bhopal, इंदौर, उज्जैन सहित नर्मदापुरम और चंबल संभागों में अब तक 10 प्रतिशत ज्यादा बरसात हो चुकी है। प्रदेश के पूर्वी हिस्से में 4 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। सबसे ज्यादा बरसात सावन माह की शुरुआत यानि 22 जुलाई से हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार लगातार बने स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कारण सावन में जोरदार बारिश हुई। प्रदेश में बारिश के एक साथ कई सिस्टम एक्टिव होते रहे हैं। इनकी वजह से सदी में पांचवी बार सावन में इतनी बारिश हुई। प्रदेश में इससे पहले सन 2006, सन 2013, सन 2016 और सन 2019 में ही सावन में ऐसा पानी गिरा था। प्रदेश में सबसे ज्यादा सिवनी में 33 इंच पानी गिरा है।
सावन अभी बाकी है और 31 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो रहा है। आईएमडी, भोपाल के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश के दक्षिणी पूर्वी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की सक्रियता के साथ मानसून ट्रफ व अन्य दो अन्य प्रणालियां भी सक्रिय हैं। ऐसे में जोरदार बारिश का दौर चलते रहने की उम्मीद जताई जा रही है।