MP Tourism: मध्य प्रदेश अपने जंगल, जैव विविधता को जल्द ही वैश्विक मंच पर ले जाने की तैयारी में है। पहली बार राज्य के घने वन, बाघ, बारहसिंघा, चीतल, मगर… और जंगल की मिट्टी में बसने वाले जीवन की अनगिनत परतों को डिस्कवरी और नेशनल जियोग्राफिक जैसे दुनिया के बड़े चैनलों पर पेश किया जाएगा।
MP Tourism: मध्य प्रदेश अपने जंगल, जैव विविधता को जल्द ही वैश्विक मंच पर ले जाने की तैयारी में है। पहली बार राज्य के घने वन, बाघ, बारहसिंघा, चीतल, मगर… और जंगल की मिट्टी में बसने वाले जीवन की अनगिनत परतों को डिस्कवरी और नेशनल जियोग्राफिक जैसे दुनिया के बड़े चैनलों पर पेश किया जाएगा। बता दें कि सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में हुई टूरिज्म बोर्ड संचालक मंडल की अहम बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है।
दरअसल सरकार अब केवल 'पर्यटन' नहीं बेच रही, सरकार MP की 'नेचुरल आइडेंटिटी' को वैश्विक ब्रांड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। यही बड़ी वजह है कि MP के जंगलों, आदिवासी संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और ग्रामीण जीवन पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्रीज की एक सीरीज तैयार किए जाने की तैयीर है। इसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर दिखाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद अब निवेशकों और प्रोजेक्ट डेवलपर्स को वह सभी सुविधाएं मिलेंगी जो किसी भी बड़े उद्योग को उपलब्ध करवाई जाती हैं। सरकार का इरादा साफ है 'वाइल्डलाइफ, कल्चर, वेलनेस' के साथ ग्लोबल टूरिज्म मॉडल तैयार करना।
बैठक में जिन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई, वह MP की आने वाले पांच साल की टूरिज्म दिशा को तय करते हैं-
-1-वाइल्डलाइफ टूरिज्म- कूनो, कान्हा, पन्ना, बांधवगढ़ और गांधीसागर की वैश्विक ब्रांडिंग
-2- ग्रामीण पर्यटन- गांव की संस्कृति, हस्तशिल्प, लोक कला के अनुभव आधारित टूरिज्म का हिस्सा बनाना
-3- साहसिक पर्यटन- पैराग्लाइडिंग से लेकर माउंटेन ट्रेल तक
-4- वॉटर टूरिज्म- नर्मदा, तवा, बरगी, गांधीसागर को वॉटर एडवेंचर हब बनाना
-5- हेल्थ & वेलनेस टूरिज्म- योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को केंद्र में रखकर नया नेटवर्क बनाना
एमपीटूरिज्म को लेकर सीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा है कि 'जो राज्य यह काम कर रहे हैं, उनका अध्ययन करो और MP मॉडल तैयार करो।'
-1-MP की वाइल्डलाइफ़ दुनिया की सबसे समृद्ध, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर ब्रांडिंग कम
-2- डिस्कवरी-नैटजियो-ग्लोबल रीच- एक भरोसेमंद नैरेटिव
-3- MP में पहले से चल रहे प्रोजेक्ट- कूनो का चीता प्रोजेक्ट, गांधीसागर सफारी, पन्ना का केनो मॉडल, अब डॉक्यूमेंट्रीज में दुनिया देखेंगी
-4- निवेशकों को आसानी- नए रिसॉर्ट, सफारी प्रोजेक्ट, वेलनेस सेंटर बनने में तेज गति
कूनो नेशनल पार्क- प्रोजेक्ट चीता एमपी समेत देश भर का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और माना जा रहा है कि भारत दुनिया का ऐसा देश बन गया है, जिसे बहुत कम समय में वो उपलब्धि हासिल की है, जो दुनिया का बेस्ट वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट माना जाने वाला अफ्रीका को प्राप्त करने में 20-25 साल का समय लगा था।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व- देश का सबसे शांत और प्रिमिटिव जंगल माना जाता है। ये अकेला ऐसा टाइगर रिजर्व है जहां वॉकिंग सफारी की अनुमति है।
कान्हा- बारहसिंघा, माना जाता है कि बारासिंघा को लेकर भारत के मैनेजमेंट ही दुनिया का सफल मैनेजमेंट वाला देश है।
गांधी सागर अभ्यारण्य- नया और हाई-स्पॉटेड जोन वाला फॉरेस्ट है।
-एमपी में वर्तमान में 9 टाइगर रिजर्व और 12 नेशनल पार्क और 25 अभयारण्य हैं। एमपी को टाइगर, चीता, वल्चर, वुल्फ स्टेट कहा जाता है।
-एमपी में हर साल 1.10 करोड़ से ज्यादा घरेलू पर्यटक आते हैं।
-अकेले वाइल्डलाइफ से ही एमपी टूरिज्म रेवेन्यु का लगभग 40 फीसदी योगदान है।
-राज्य सरकार टूरिज्म को पूर्ण उद्योग घोषित कर चुकी है। इसमें 30 से ज्यादा औद्योगिक सुविधाएं लागू होंगी।
-राज्य में अब तक 80 हजार से ज्यादा लोगों को टूरिज्म सेक्टर में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है।
1- डिस्कवरी, नेटजियो जैसे चैनलों को दुनिया भर के 190 से ज्यादा देशों के लोग देखते हैं। यानी करोड़ों दर्शक एमपी की वाइल्डलाइफ और टूरिज्म को टीवी पर देखेंगे।
2- एक अनुमान के मुताबिक 1 डॉक्यूमेंट्री लॉन्च के 1 साल के अंदर विदेशी पर्यटकों की संख्या में 15 से 20% तक का इजाफा हो सकता है।
3- एमपी के पांच प्रमुख वाइल्डलाइफ जोन कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, कूनो, सतपुड़ा को A-ग्रेड प्रमोशन मिलेगा।