MP Weather: मौसम विभाग ने आज झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच समेत 12 जिलों में भारी बारिश(Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है।
MP Weather: मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज तो कहीं धीमी बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार को कई जिलों में खूब बारिश हुई। खासकर मालवा, चंबल अंचल में। उज्जैन में सबसे ज्यादा पांच और इंदौर में चार सेमी वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने शनिवार को झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच समेत 12 जिलों में भारी बारिश(Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने जिन जिलों में भारी बारिश(Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है, उनमें उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, झाबुआ, धार, शाजापुर, राजगढ़, गुना और श्योपुर शामिल हैं। फिलहाल प्रदेश में सक्रिय मौसम प्रणाली 24 से 48 घंटों में आगे बढ़ जाएगी। इसके बाद वर्षा की गतिविधियों में कमी आने लगेगी। रविवार से पांच दिन तक बारिश से कुछ राहत के आसार है।
उधर, भोपाल में बड़ा तालाब फुल टैंक लेवल (1666,80 फीट) से महज एक फीट दूर है। शुक्रवार को जलस्तर करीब 1665.80 फीट पहुंच गया। सीहोर क्षेत्र में बारिश से कोलांस नदी का जलस्तर करीब दो फीट ऊपर बह रहा है। संभावना है कि अगले 24 घंटे में बड़ा तालाब लबालब होने से भदभदा डैम के गेट खोले जा सकते हैं।
खरगोन जिले के ओंकारेश्वर बांध से 21 गेट खोलकर पानी छोड़े जाने के बाद नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ा। शुक्रवार को महेश्वर के सभी घाट जलमग्न हो गए। पानी किले की अष्टपहलू सीढ़ियों तक पहुंच गया। प्रशासन ने घाटों पर आवागमन रोक दिया है। निचले इलाकों के लोगों को अलर्ट किया है।
उज्जैन के शिप्रा में बाढ़ के चलते रामघाट, दत्त अखाड़ा सहित नदी के अन्य घाट डूबे रहे। अधिकांश मंदिरों का भी यही हाल था। हालांकि गुरुवार की तुलना में इनका डूब क्षेत्र कम रहा। छोटा पुल दूसरे दिन भी डूबा रहा। आवाजाही बंद रही।
इंदौर शहर सहित जिले में लगातार तीन दिन से बारिश जारी है। शुक्रवार दोपहर 12 से रात 12 बजे तक 46 एमएम (1.8 इंच) बारिश हुई। तीन दिन की बारिश के बाद आंकड़ा पिछले साल से दो इंच ज्यादा हो चुका है। जिले में भारी वर्षा को देखते हुए शनिवार को सभी शासकीय, अशासकीय के अलावा अनुदान प्राप्त स्कूलों में 1 से 12 तक के लिए अवकाश घोषित किया गया है। आदेश आंगनबाडी केंद्रों पर भी लागू होगा।
प्रदेश में बाजरा, सोयाबीन, उड़द, तिल फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार उत्पादन गिरना तय है। श्योपुर के विजयपुर ब्लॉक के गोपालपुर में डूबी उड़द की फसल।
आगर-मालया जिले में नलखेड़ा क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर हैं। कुंडालिया बांध के संग्रहण क्षेत्र में जलभराव से सीजन में पहली बार आठ गेट खोले गए। रात में पांच गेट खुले रहे। घट्टिया तहसील के बिछड़ौद क्षेत्र में तीन घंटे जोरदार बारिश ने बिछड़ौद का अन्य गांवों से भी संपर्क तोड़ दिया।
लगातार बारिश से खेत पानी-पानी है। दलदल के कारण मक्के की फसल हवा का झोंका भी नहीं सह पा रही। बिछने लगी है। खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, बैतूल और छिंदवाड़ा समेत कई जिलों में यह स्थिति बन चुकी है। सोयाबीन, उड़द जैसी फसलें पीलापन का शिकार हो रही हैं। धान को छोड़ खरीफ की सभी फसलों की ग्रोथ ठहर गई है। किसानों और विशेषज्ञों की मानें तो उत्पादन गिरना तय है।
अगस्त की शुरुआत में रीवा, ग्वालियर, सागर और भोपाल के जिलों में भारी बारिश हुई थी। करीब एक सप्ताह तक बाढ़ की स्थिति रही। इससे फसलों को नुकसान हुआ। सरकार ने 28 हजार से ज्यादा लोगों को 30 करोड़ की तत्काल राहत दी। हालाकि इसमें फसल को हुए नुकसान की राशि शामिल नहीं थी।