SIR : मतदाता सूची में पुनरीक्षण के लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा। इधर, शहर में डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनवाने रोजाना एक हजार आवेदन आ रहे हैं। मूल निवास बनवाने वालों की लगी भीड़।
SIR :मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों एकाएक मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने वालों की भीड़ बढ़ गई है। 10 दिन पहले इक्का-दुक्का लोग ही मूल निवासी प्रमाण पत्र यानी स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाने आते थे। लेकिन, अब रोजाना जिले में औसतन 1000 आवेदन डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनवाने के आ रहे हैं। 10 दिनों में ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर 10 हजार 220 आवेदन आ चुके हैं। सामान्य दिनों की तुलना में ये 30 गुना तक ज्यादा है। इसकी वजह दो कारण हो सकते हैं।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम यानी एसआईआर के तहत जल्द ही जिले के कुल 2029 बूथ लेवल ऑफिसर डोर-टू-डोर सर्वे करेंगे। 2003 की सूची में नाम नहीं है तो तीन दस्तावेज देने होंगे। बीएलओ घर-घर जाकर न्यूमेरेशन फार्म देंगे। हर वोटर्स को गणना फार्म भरना होगा।
कलेक्टोरेट में हुई स्टेंडिंग कमेटी की बैठक के बाद उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई। 17 अक्टूबर तक दावे-आपत्ति प्राप्त किए जाएंगे। स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (एसआईआर) यानी सर के दौरान जिले के सभी 2029 बूथ लेवल ऑफिसर डोर-टू-डोर सर्वे कर मतदाता सूची का शुद्धिकरण करेंगे।
जिन परिवारों के नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं, उन्हें ही यथास्थिति माना जाएगा। 2003 के बाद मतदाता सूची में जुड़े परिवारों को अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए दो से तीन दस्तावेज देने पड़ेंगे। जिनके नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं और उनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, उन्हें अपना नाम लिस्ट से कटने से बचाने के लिए आयोग की ओर से मान्य 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज बीएलओ को देना होगा। इसमें पिता से संबंध के प्रमाण पत्र के साथ एक दस्तावेज देना होगा।
मतदाता सूची की गड़बड़ी खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करते हुए मतदाताओं के फार्म-6, फार्म-7 और फार्म-8 भरवाने होंगे।
गौरतलब है कि, भोपाल में 22 साल में वोटर दोगुने हो गए हैं। 2003 में कुल 11.81 लाख मतदाता थे, जो अब 21.18 लाख हैं।
इस संबंध में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह का कहना है कि, सभी तरह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है। जिन्हें जरूरत है वे दस्तावेज बनवा रहे हैं, ताकि समय आने पर उन्हें दिखाया जा सके।
1-स्कूल अपडेट कर रहे डाटा
अभी एजूकेशन पोर्टल 3.0 पर विद्यार्थियों का डेटा अपडेट हो रहा है। इसके लिए डोमिसाइल मांगा जा रहा है। इसलिए लोक सेवा गारंटी केंद्र पर भीड़ उमड़ रही है। मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए शासन ने 20 रुपए शुल्क तय की है, लेकिन निजी सेंटर पर 200 रुपए तक वसूल रहे हैं।
2-मतदाता पहचान के लिए
मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी सर की प्रक्रिया निर्वाचन आयोग मप्र में करेगा। इस वजह से भी मतदाता परिचय पत्र के संदर्भ में डोमिसाइल सर्टिफिकेट लोग बनवा रहे हैं। क्योंकि, मूल निवास का यह ठोस दस्तावेज माना जाता है। आधार कार्ड और समग्र आइडी के बिना ये नहीं बनता।