भोपाल

पंडित धीरेंद्र शास्त्री बोले- हम तो आरपार के मूड में, धर्मस्थलों को तोड़कर बनी सभी मस्जिदों को फिर मंदिर बनाएंगे

padyatra news ‘सनातन हिंदू एकता’ के नाम पर पदयात्रा कर रहे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है।

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Nov 27, 2024
padyatra news

‘सनातन हिंदू एकता’ के नाम पर पदयात्रा कर रहे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हम तो आरपार के मूड में निकले हैं, या तो गजवा ए हिन्द हो जाए या भगवा ए हिन्द हो जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि जहां धर्मस्थलों में टूट फूट हुई उन सभी मस्जिदों को फिर से मंदिर बनाएंगे। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र के लिए आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र में रहकर, हिंदू राष्ट्र का झंडा फहरा देंगे तब हिंदुओं को मंजिल मिलेगी।

निवाड़ी जिले के घुघसी में लोगों को संबोधित करते हुए पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुखर हो उठे। उन्होंने कहा- हम तो भैया आरपार के मूड में निकले हैं। या तो गजवा ए हिंद हो जाए या भगवा ए हिंद हो जाए। हिंदू जग जाए तो बढ़िया है, नहीं जगे तो और बढ़िया है, जल्दी इस्लामिक राष्ट्र बन जाए।

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने यहां जुटे लाखों लोगों को संबोधित करते हुए कहा- कौन हिंदू मुसलमान करता रहे, जो भी होना हो जल्दी हो जाए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को मंजिल तब प्राप्त होगी, जब नारी नारायणी बन जाएगी, हिंदू धर्मस्थलों पर बनी जितनी भी मस्जिदें हैं वहां फिर से मंदिर बन जाएंगे, बच्चे से लेकर वृद्ध तक गीता और रामायण की बातें बोलने लगेंगे।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जब भी कोई शख्स श्रीराम पर उंगली उठाए तो उसकी वही उंगली वापस उसके मुंह में कर दी जाए, जब भी हमारी बहन बेटी कहीं से गुजरे तो लव जिहाद वाले टेढ़ी नजर से न देखें। हिंदू राष्ट्र में रहकर, हिंदू राष्ट्र का झंडा फहरा देना ही हमारी मंजिल है।

गौरतलब है कि बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हिंदुओं को एकजुट करने के उद्देश्य से नौ दिवसीय पदयात्रा पर निकले हैं। ‘सनातन हिंदू एकता’ के नाम से पदयात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू हुई थी जोकि 29 नवंबर को ओरछा धाम पहुंचेगी। 160 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में करीब पंडित धीरेंद्र श़ास्त्री के साथ उनके करीब 1 लाख भक्त शामिल हैं।

बागेश्वर धाम की ही टीम सभी भक्तों के ठहरने और खाने का प्रबंध कर रही है। शाम 6 बजे से देर रात 3 बजे तक भोजन प्रसादी का काम चलता है। पदयात्रा के हर पड़ाव पर दो दिन पहले ही टीम पहुंच जाती है और यहां ठहरने व भोजना की व्यवस्थाएं जुटाती है। रोज करीब 150 लोग खाना बनाने का काम कर रहे हैं।

Updated on:
27 Nov 2024 10:50 am
Published on:
27 Nov 2024 10:48 am
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