PM Surya Ghar Yojana Upgrade: पीएम सूर्य घर योजना में 300 यूनिट तक फ्री बिजली: मध्य प्रदेश में पहले 1 लाख उपभोक्ताओं को जोड़ा जाएगा। बाद में इसे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। सरकार योजना को मॉडिफाई करके लागू करेगी।
PM Surya Ghar Yojana Upgrade : मध्य प्रदेश में गरीबों को बिजली के मामले में राज्य सरकार ( MP government ) बड़ा कदम उठाने जा रही है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अपग्रेड योजना ( PM Surya Ghar Yojana Upgrade ) तैयार कर रही है। इस योजना में वर्तमान में मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी, लेकिन गरीबों को बिजली तय अवधि के बाद मुफ्त पड़ेगी। जुलाई से सरकार पायलेट प्रोजेक्ट ( Government Pilot Project ) संभागीय मुख्यालयों पर लागू कर सकती है। इसमें एक लाख उपभोक्ताओं ( One lakh consumers ) को शामिल किया जाएगा। बाद में पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सरकार ने मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय हाईपावर कमेटी बना दी है। प्रारंभिक ड्राफ्ट भी बना लिया गया है।
300 यूनिट तक बिजली मुफ्त। सोलर पैनल लगाने का वन-टाइम इंस्टॉलेशन खर्च 60 फीसद केंद्र देता है। 40 फीसद उपभोक्ता को देना होता है। अभी बड़े लोग इसे लगवा रहे हैं।
एक लाख लोगों को सोलर पैनल लगाने का वन-टाइम इंस्टॉलेशन खर्च 60 फीसद केंद्र से मिलेगा। बाकी 40 फीलद खर्च बैंक से कर्ज सरकारी अपनी गारंटी पर दिलाएगी। औसत 200 रुपए महीने देने होंगे। यह राशि भी ज्यादा बिजली होने पर बेचकर समायोजित हो जाएगी। इससे बिजली मुफ्त पड़ेगी।
लोकसभा चुनाव के पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में इस योजना का ऐलान किया था। इसके लिए अब मध्यप्रदेश में काम शुरू किया गया है। राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय हाईपॉवर कमेटी बना दी है। यह कमेटी इस योजना का ड्राफ्ट फाइनल करेगी। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाकर मंजूर कराया जाएगा। फिर योजना लागू होगी।
3 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने अभी 1.20 लाख से 1.50 लाख तक का खर्च होते हैं। 60 फीसद केंद्र से और 40 खुद खर्च करना होता है। जो ये खर्च कर पाते हैं वे ही लगवाते हैं। इससे गरीब आगे नहीं आ रहे। अब मध्य प्रदेश सरकार गरीबों को 40 फीसद राशि के लिए बैंक से 10 साल के लिए कर्ज दिलाएगी। 10 साल का कर्ज होने से 150 यूनिट तक खर्च करने वाले परिवार को तीन किलोवाट के पैनल पर औसत 200 रुपए महीने देने होंगे।
10 साल में कर्ज चुक जाएगा तो पैनल उसका और पूरी बिजली मुफ्त रहेगी। अगर 3 किलोवाट के पैनल पर बिजली उपयोग नहीं होती और बचती है तो उसे नेट मीटरिंग के तहत वो बेच सकेगा। नेट-मीटरिंग सुविधा पैनल लगाने के साथ ही दी जाएगी। अगर बिजली ज्यादा होने पर बेच दी जाती है तो 200 रुपए वाली मासिक राशि भी कम या खत्म हो सकती है। इससे बिजली जल्द मुफ्त हो सकती है। ऊर्जा पीएस मनु श्रीवास्तव कहते हैं कि योजना पर अभी काम चल रहा है।
पैनल लगाने पर मुफ्त बिजली मिल सकती है, लेकिन वह कर्ज चुकने के बाद ही हो पाएगी। पैनल का मेंटेनेंस उपभोक्ता को करना होगा। औसतन 10 से 25 साल में मेंटेनेंस होता है। पैनल के बाद कनेक्शन सामान्य बिजली की सब्सिडी से बाहर हो जाएगा। यानी 100 यूनिट तक क्र100 के फॉर्मूले से उपभोक्ता बाहर हो जाएगा। 100 यूनिट से ज्यादा उपयोग पर फायदा है। यदि 100 यूनिट से कम बिजली लगती है तो सब्सिडी नहीं ले पाएगा। बची बिजली बेचकर कमाई कर सकेगा।
सरकार का दावा है कि 80 लाख से ज्यादा घरेलू कनेक्शन पर सब्सिडी दी जाती है। 100 यूनिट तक 1 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिलिंग कर बाकी राशि सब्सिडी से समयोजित की जाती है। आगे चलकर इसमें से गरीब परिवार पीएम सूर्य घर योजना के दायरे में आ जाएंगे। इससे सब्सिडी बढ़ जाएगी, लेकिन यह मदद केंद्र सरकार से मिल सकेगी। राज्य सरकार का फायदा ये रहेगा कि इससे राज्य की सब्सिडी में कमी आ सकेगी। उस पर रूफटॉफ सौर ऊर्जा का लक्ष्य भी पूरा हो सकेगा।