भोपाल

4 नवंबर से शुरु हुआ था SIR Survey, पर एमपी में यहां 10 दिन बाद मिले फॉर्म, खुली पोल

SIR Survey : एमपी में एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरु, ग्वालियर को 10 दिन बाद से मिले फॉर्म। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा के सामने खुली कार्यालय की पोल।

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केंद्रीय चुनाव आयोग की वर्चुअल समीक्षा बैठक (Photo Source- Jansampark MP)

SIR Survey : मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्य (एसआइआर) को लेकर बुधवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने एक बार फिर वर्चुअल समीक्षा बैठक की। आयोग की डायरेक्टर शुभ्रा सक्सेना और सचिव बिनोद कुमार मौजूद रहे। उन 19 जिलों के कलेक्टरों को जोड़ा गया, जहां एसआईआर की प्रगति धीमी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा भी मौजूद रहे।

इस दौरान आयोग के सदस्यों ने वजह पूछी तो मुय निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की लापरवाही की पोल खुल गई। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि, हमारे यहां एन्यूमरेशन फॉर्म 10 दिन देर से 14 नवंबर को मिले, जबकि फॉर्म वितरण की प्रक्रिया चार नवंबर से प्रदेश में शुरू हो चुकी थी।

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कैप लगाएं

केंद्रीय चुनाव आयोग की वर्चुअल समीक्षा बैठक (Photo Source- Jansampark MP)

आयोग की डायरेक्टर सक्सेना ने जिलों को निर्देश दिए कि डिजिटलाइजेशन जल्द पूरा किया जाए। बीएलओ की मदद के लिए वालंटियर की नियुक्ति और तीनों बड़े शहरों में विशेष कैप लगाकर गणना पत्रक भरवाएं। कई जिलों में एन्यूमरेशन फॉर्म देरी से बंटने के मामले पर जब मुय निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा की प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने कोई जवाब नहीं देते हुए पल्ला झाड़ लिया।

कार्रवाई की चेतावनी

भोपाल, इंदौर और शहडोल कलेक्टर की प्रगति पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई। कलेक्टर और एसडीएम को चेतावनी दी गई कि अगर काम में तेजी नहीं आई तो कलेक्टर और एसडीएम के खिलाफ लिखित कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। बता दें केंद्रीय चुनाव आयोग के सदस्यों ने कलेक्टर और एसडीएम के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर भोपाल, इंदौर और ग्वालियर के उन विधानसभा क्षेत्रों के ईआरओ से सीधे बात की जहां काम की रतार सबसे धीमी है।

Updated on:
29 Nov 2025 01:53 pm
Published on:
27 Nov 2025 09:51 am
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