Speculation of cabinet expansion in mp मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में विजयपुर सीट पर रामनिवास रावत की हार के बाद राजनैतिक गहमागहमी तेज हो गई है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में विजयपुर सीट पर रामनिवास रावत की हार के बाद राजनैतिक गहमागहमी तेज हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों में उपचुनावोें के परिणामों को लेकर मंथन की स्थिति बन गई है। विजयपुर में मुकेश मल्होत्रा की जीत से जहां कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की स्थिति मजबूत हुई वहीं पार्टी प्रत्याशी की पराजय से एमपी बीजेपी के बड़े नेताओं की खासी किरकिरी हुई है। असल में विजयपुर में बीजेपी अपने अंतर्विरोधों के कारण भी हारी है और यही वजह है कि राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने इस हार का स्पष्टीकरण देना आसान नहीं होगा। इधर हार के बाद रामनिवास रावत द्वारा मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने से प्रदेश में मंत्रि मंडल विस्तार की भी चर्चा चल पड़ी है। वन महकमा पाने के लिए कई बड़े मंत्रियों की दावेदारी की बात भी कही जा रही है।
वन मंत्री रामनिवास रावत की करारी हार के बाद एमपी की मोहन यादव सरकार में फेरबदल हो सकता है। रामनिवास रावत द्वारा मंत्री पद से त्यागपत्र दे देने के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। सबसे ज्यादा कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि प्रस्तावित बदलाव में वन विभाग किस मंत्री के हिस्से में आएगा।
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में फेरबदल कभी भी हो सकता है, यह विस्तार के रूप में भी सामने आ सकता है। दरअसल कमलनाथ का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल होकर अमरवाड़ा में कमल खिलानेवाले विधायक कमलेश शाह कई महीनों से अपना रुतबा और बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। संगठन और सीएम मोहन यादव दोनों के ही करीबी 2 और नेता भी मंत्री पद की आस में हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार की बात कहनेवाले राजनैतिक विश्लेषक इसकी वजह भी बताते हैं। विश्लेषकों के मुताबिक रामनिवास रावत के पास दो अहम विभाग- वन और पर्यावरण विभाग थे। दोनों बड़े विभाग किसी मौजूदा मंत्री को दिए जाने पर अन्य वरिष्ठ मंत्री मायूस हो सकते हैं, उनके लिए यह भेदभाव की स्थिति बन सकती है।
जुलाई 2024 में जब रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया था तब वन और पर्यावरण विभाग नागर सिंह चौहान के पास थे। उनसे दोनों विभाग छीनकर रावत को दिए गए थे जिसपर चौहान ने बागी तेवर भी अपना लिए थे। अब वे दोबारा दोनों विभागों पर दावा ठोंक सकते हैं हालांकि उनके तल्ख बयान और पार्टी विरोधी रुख आलाकमान भूल गया हो, ऐसा लगता नहीं है। ऐसे में कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को ये विभाग बांटे जाने की चर्चा है।