भोपाल

12 घंटे में कर सकेंगे कई राज्यों का सफर, देश में भोपाल की परिवहन व्यवस्था होगी सबसे बेहतर

MP News : आने वाले दिनों में राजधानी भोपाल की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था देश में सबसे बेहतर होगी। भोपाल-इंदौर का ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस वे, विंध्य एक्सप्रेस वे, भोपाल लखनऊ इकोनॉमिक कॉरीडोर, जबलपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे आदि की मदद से एमपी से 12 घंटे में देश की 80 फीसदी आबादी तक पहुंच सकेंगे।

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Feb 25, 2025
mp news

MP News : आने वाले दिनों में राजधानी भोपाल की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था देश में सबसे बेहतर होगी। मेट्रो के बाद भोपाल के लोग रोप-वे(Rope way) यानी स्काईबस-कार से एक जगह से दूसरी जगह बिना रुके, उलझे जा सकेंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शहर को ये सौगात मिली है। प्रदेश के 15 शहरों में प्रस्तावित रोप में से भोपाल में तीन रोप-वे बननी हैं। संबंधित अफसरों का कहना है कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से न्यू मार्केट, बड़ा तालाब पर पॉलिटेक्निक रोड से खानूगांव व आगे लालघाटी तक इसका विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही एमपी नगर व पुराना रेलवे स्टेशन को भी रोप-वे से काली मंदिर तक जोड़ा जाएगा।

ऐसे जुड़ेंगे देश की बड़ी आबादी से

● भोपाल-इंदौर का ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस वे(Bhopal-Indore Green Field Express way) 160 किमी लंबाई में होगा, ये दूरी को 40 किमी घटाएगा।

● विंध्य एक्सप्रेस वे 676 किमी लंबाई में भोपाल को सिंगरौली से जोड़ देगा।

● नर्मदा प्रगति पथ में भोपाल जुड़ेगा। 906 किमी लंबे प्रगति पथ में भोपाल रीवा, हरदा, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन और आगे तक रहेगा।

● भोपाल लखनऊ इकोनॉमिक कॉरीडोर(Bhopal Lucknow Economic Corridor) भोपाल को सीधे कानपुर, वाराणसी, लखनऊ से जोड़ेगा। उप्र में खनन, पर्यटन और मॉल परिवहन को बढ़ाएगा।

● जबलपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे 255 किमी लंबाई में प्रस्तावित है। अगले साल इसका काम शुरू होगा।

1000 करोड़ एजुकेशन इंफ्रा पर

शिक्षाक्षेत्र के दो संस्थानों ने भोपाल में करीब एक हजार करोड़ रुपए के निवेश की बात कही है। यानि आगामी दिनों में शहर में नए शैक्षणिक संस्थान बनते नजर आएंगे। यहां काम के अनुसार कुशल लोगों को तैयार किया जाएगा।

आइटी में भी निवेश

फ्रेंड्स ऑफ इंडिया से जुड़े लंदन से आए निवेशक आबिद फारूखी 45 मित्रों के साथ भोपाल में 125 करोड़ रुपए का आइटी निवेश करेंगे। यहां आइटी डिलिवरी सेंटर खोलेंगे। भोपाल व प्रदेश के नए प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स हेम मॉडल यानि हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर होंगे। इसमें लागत का 40 फीसदी सरकार देगी, बाकी निजी डेवलपर को लगाना होगा। निजी निवेशक टोल व अन्य माध्यम से राशि किस्त में वसूल करेंगे। निजी निवेशक को इसमें 15 से 20 साल तक किस्तों में भुगतान किया जाएगा।

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